आम आदमी पार्टी के सांसद व पूर्व प्रदेश प्रधान भगवंत मान ने खैहरा मामले पर लंबे समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। पंजाब में लगातार आम आदमी पार्टी में चली गुटबाजी को लेकर उन्होंने कहा है कि पंजाब खैहरा का नहीं है। उन्होंने सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि जब खैहरा को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाया गया तभी उनमें खुद्दारी कैसे जागी।
मान ने कहा कि खैहरा द्वारा लगाए जा रहे सारे आरोप गलत हैं। मान ने खैहरा के साथ शामिल न होने वाले विधायकों को मिल रही धमकी कि उन्हें गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा पर अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से एेसा न करने की अपील की। साथ ही उन्होंने खैहरा को चुनौती दी कि वे बताएं कि उन्होंने (मान ने) कब आना है।
उन्होंने कहा खैहरा अपने भले की राजनीति करते हैं। पार्टी से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जल्द ही पार्टी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी करने की तैयारी कर रही है। मान ने कहा कि खैहरा की आस्था किसी भी पार्टी या नेता के प्रति सिर्फ दो महीने के लिए रहती है। उसके बाद वह उसी पार्टी के नेता को भला बुरा कहने लगते हैं।
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