न्यूजीलैंड ने रविवार को हेमिल्टन के सेडॉन पार्क में खेले गए तीन मैचों की टी-20 सीरीज के आखिरी और निर्णायक मुकाबले में 4 रन से मात देकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली है. इसी के साथ ही भारत का पहली बार इस देश में द्विपक्षीय टी-20 इंटरनेशनल सीरीज जीतने का सपना भी टूट गया. इससे पहले भारत को न्यूजीलैंड के हाथों साल 2008-2009 में खेली गई द्विपक्षीय टी-20 इंटरनेशनल सीरीज में भी हार मिली थी. दो मैचों की इस टी-20 सीरीज में भारत को 0-2 से हार झेलनी पड़ी थी.
हेमिल्टन में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 212 रन का विशाल स्कोर बनाया और फिर भारत को निर्धारित 20 ओवर में छह विकेट पर 208 रन पर रोक दिया. भारत के लिए विजय शंकर ने 43 और कप्तान रोहित शर्मा ने 38 रन बनाए.
मेजबान टीम के लिए मिशेल सेंटनर और डेरिल मिशेल ने 2-2 दो विकेट लिए. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर कीवी टीम को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया, जो गलत फैसला साबित हुआ. आइए एक नजर डालते हैं वेलिंगटन में टीम इंडिया की हार के 4 बड़े कारणों पर:
1. गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन: हेमिल्टन के सेडॉन पार्क में खेले गए निर्णायक टी-20 मैच में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन पहले टी-20 मैच का एक्शन रीप्ले रहा. टीम के पांच गेंदबाजों में से तीन बॉलरों का इकॉनमी रेट 10 से ऊपर का रहा. भारतीय गेंदबाजी इतनी कमजोर रही कि कीवी बल्लेबाजों ने 8 ओवर के अंदर बिना कोई विकेट गंवाए 80 रन ठोक दिए थे. न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने आखिरी ओवरों में ताबड़तोड़ बैटिंग कर स्कोर 212 रन तक पहुंचा दिया और मैच को भारत से दूर ले गए.
2. कोलिन मुनरो की विस्फोटक पारी: न्यूजीलैंड के ओपनर बल्लेबाज कोलिन मुनरो ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाते हुए 40 गेंद में 72 रन बनाए जिसकी मदद से न्यूजीलैंड ने भारत के खिलाफ चार विकेट पर 212 रन का स्कोर बनाया. मुनरो और टिम सेफर्ट (43) ने सिर्फ 7.4 ओवर में 80 रन जोड़कर टीम को आक्रामक शुरूआत दी. मुनरो ने अपनी पारी में 5 चौके और 5 छक्के लगाए.
3. भारतीय फील्डरों का कैच टपकाना: गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन के साथ-साथ भारत की फील्डिंग भी काफी घटिया रही. भारत के फील्डरों ने न्यूजीलैंड की पारी में दो कैच छोड़े जिसमें से एक कैच कोलिन मुनरो का शामिल रहा. न्यूजीलैंड की पारी के 13वें ओवर में खलील अहमद ने हार्दिक पंड्या की गेंद पर कोलिन मुनरो को जीवनदान दिया. इसके बाद रोहित शर्मा ने 18वें ओवर में कॉलिन डि ग्रैंडहोम का कैच छोड़ा.
4. विजय शंकर को ओवर ना देना: इस मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी में कई कमियां नजर आईं. इस मैच में भारत तीन गेंदबाज और तीन ऑलराउंडर समेत कुल 6 गेंदबाजों के साथ उतरा था. पांच गेंदबाजों ने बॉलिंग की जिसमें से तीन बॉलरों का इकॉनमी रेट 10 से ऊपर का रहा, लेकिन रोहित शर्मा ने विजय शंकर को एक भी ओवर नहीं दिया जो भारत को महंगा पड़ा. विजय शंकर की मीडियम पेस गेंदबाजी न्यूजीलैंड को मुश्किल में डाल सकती थी. जैसे न्यूजीलैंड के मीडियम पेस गेंदबाजी ऑलराउंडर डेरिल मिशेल ने भारत के खिलाफ असरदार गेंदबाजी की और रोहित शर्मा और एमएस धोनी जैसे बल्लेबाजों को आउट कर भारत को हार की तरफ धकेल दिया.
5. टॉस जीतकर गेंदबाजी करना: तीन मैचों की टी-20 सीरीज के आखिरी और निर्णायक मुकाबले में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर कीवी टीम को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया, जो गलत फैसला साबित हुआ. निर्णायक मुकाबले में भारत पहले बल्लेबाज कर बड़ा स्कोर बना सकता था और कीवी टीम को दबाव में लाया जा सकता था. 4 रन से हारकर भारत का पहली बार इस देश में द्विपक्षीय टी-20 इंटरनेशनल सीरीज जीतने का सपना भी टूट गया.