मां वैष्णो के दरबार से नरेंद्र चंचल का विशेष लगाव था। उन्होंने 1971 में पहली बार मां वैष्णो देवी के दरबार में भेंटें गाई थीं। उसके बाद लगातार हर वर्ष 31 दिसंबर को धर्मनगरी में जागरण का आयोजन किया जाता है। नरेंद्र चंचल भी मां की भेटों से भक्तों को निहाल करते रहे। इसके लिए वह कोई भी फीस नहीं लेते थे।
वर्ष 1983 में अवतार फिल्म में गाई भेंट चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है… की शूटिंग भी धर्मनगरी से लेकर भवन के बीच की गई थी। इस भेंट के बाद जागरण में आने वाले भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज होने लगी।
इसके बाद सुरक्षा कारणों के चलते श्राइन बोर्ड के गठन के बाद वर्ष 1986 में उन्हें भवन में जागरण आयोजित करने की अनुमति नहीं मिली।
ऐसे में धर्मनगरी में ही जागरण करने का निर्णय किया गया। वर्ष 1986 के बाद हर 31 दिसंबर को उन्होंने धर्मनगरी में ही जागरण का आयोजन किया।।