शारदीय नवरात्र का पर्व 10 दिनों तक चलने वाला है, जिसकी शुरुआत 22 सितंबर को हुई थी। इस अवधि में साधक देवी के नवस्वरूपों की पूजा-अर्चना करता है, जिससे उसे आदि शक्ति के नौ स्वरूपों की कृपा की प्राप्ति होती है। चलिए पढ़ते हैं आदिशक्ति के स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा विधि और मंत्र।
मां कात्यायनी पूजा विधि
मां कात्यायनी की पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें। माता की पूजा में आप नारंगी रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं। इस दिन माता को शृंगार की समाग्री और लाल रंग की चुनरी अर्पित करें। इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें और माता को पीले रंग के फूल, शहद व पीली रंग की मिठाई अर्पित करें। अंत में दीपक जलाकर माता की आरती करें औ और सभी में प्रसाद बांटें।
करें इन मंत्रों का जप –
नवरात्र के छठें दिन की पूजा में श्रद्धापूर्वक मां कात्यायनी के मंत्रों का जप करने से साधक को कई तरह के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। मां कात्यायनी की कृपा से साधक को शारीरिक कष्ट, भय, चिंता, दुख से मुक्ति व शत्रु पर विजय प्राप्त हो सकती है।
- मां कात्यायनी का वंदना मंत्र –
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।। - मां कात्यायनी का बीज मंत्र –
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम: - मां कात्यायनी के लिए प्रार्थना मंत्र –
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥ - मां कात्यायनी का स्तुति मंत्र –
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
करें ये उपाय
यदि किसी जातक के विवाह में देरी हो रही है, तो उसे यह उपाय करना चाहिए। नवरात्र के छठें दिन विधि-विधान से मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करें व उन्हें छह गांठ हल्दी अर्पित करें। इसके साथ ही माता को पान का पत्ता और नारियल भी अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से जातक के लिए शीघ्र ही विवाह के योग बनने लगते हैं।
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