NEW DELHI: YOUTUBE पर वायरल के एक VIDEO के अनुसार TURKEY की ARMY ने जंगल में एक लड़की के साथ शर्मनाक काम किया।
इससे पहले खुद महिला सैनिकों के साथ रेप और कई तरीके से टॉर्चर हुआ था। ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन एमनेस्टी इंटरनेशनल का दावा है कि उनके पास इसे लेकर पक्के सबूत हैं। एमनेस्टी के मुताबिक, तुर्किश पुलिस ने विद्रोही सैनिकों को भूखे-प्यासे रखा और कई महिला सैनिकों के साथ रेप किया।
करीब 10,000 सैनिकों को अस्तबल और स्पोर्ट्स हॉल में बंद रखा गया था।बता दें कि 15 जुलाई को प्रेसिडेंट रैचेप तैयाप एर्दोआन को हटाने के लिए आर्मी के एक खेमे ने विद्रोह कर दिया था। इस घटना में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और करीब 1500 घायल हुए थे।
एमनेस्टी के मुताबिक, तुर्किश पुलिस ने बंधकों को 48 घंटे तक स्ट्रेस पोजिशन में रखा। उन्हें खाना, पानी और दवाईयां नहीं दी गईं। कईयों को बुरी तरह पीटा गया और उनके साथ रेप किया गया। सैनिकों के टॉर्चर की फोटोज और वीडियोज सोशल मीडिया पर शेयर की गईं। एमनेस्टी के के मुताबिक, 650-800 मेल सोल्जर्स को अंकारा पुलिस हेडक्वार्टर के स्पोर्ट्स हॉल में रखा गया था।
इनमें से 300 के शरीर पर बुरी तरह पीटे जाने के निशान थे। कईयों की हड्डियां टूट गई थीं और करीब 40 सैनिक चल भी नहीं पा रहे थे। एमनेस्टी ने अंकारा और इस्तांबुल में 10 से ज्यादा वकीलों से बात की। उन्होंने अपने क्लाइंट्स के साथ बर्बरता की पुष्टि की। टॉर्चर होने वाले लोगों में ज्यादातर महिला सैनिक हैं। इनमें जज और कई सिविल सर्वेंट भी शामिल हैं।
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