मुंडन कराने के बाद खान ने कहा कि कांग्रेस ने अतिथि विद्वानों से वादा किया था कि यदि राज्य में उनकी सरकार आती है तो हमारी मांगों को पूरा किया जाएगा। सालभर इंतजार के बाद जब हमने आंदोलन शुरू किया तो अतिथि विद्वानों को फालेन आउट नोटिस मिलने शुरू हो गए।
उन्होंने आगे कहा कि हम यहां बीते दो महीनों से ठंड में धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुध नहीं ली। बच्चों को पढ़ाकर हमने उनका भविष्य बनाया लेकिन अब हमारा खुद का भविष्य अंधकारमय है इसलिए जब तक हमें लिखित में आदेश नहीं मिल जाता हम यहां से नहीं उठेंगे।
अतिथि विद्वान नियमतिकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवराज सिंह का कहना है कि इससे दुखदाई दिन नहीं हो सकता, क्योंकि एक महिला ने अपने बालों का त्याग कर दिया है। डॉक्टर शाहीन ने जो बाल मुंडवाए हैं उसे हम राहुल गांधी के पास भेजेंगे जिससे उन्हें पता चल सके कि उनके दिए वचनों का पालन नहीं हो रहा है।
महिला अतिथि विद्वान के मुंडन कराने के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, ‘मुख्यमंत्री जी, आज भी केश नारी के सम्मान का प्रतीक हैं। अतिथि विद्वान बहनों ने आपकी सोती हुई सरकार को नींद से जगाने के लिए अपने केश त्यागे, क्या आज आपको उनकी पीड़ा का अंदाजा है? क्या आपकी नजर में आज प्रदेश शर्मसार हुआ? क्या उनकी भलाई के लिए आप कोई कदम उठाएंगे?’
इससे पहले जब शिवराज प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब कमलनाथ ने महिला अतिथि विद्वान के मुंडन कराने पर उन्हें घेरा था और इसे झकझोरने वाली घटना करार दिया था। उन्होंने कहा, ‘केश नारी के लिए श्रृंगार व सम्मान का प्रतीक होते है और नारी यदि अपने हक की लड़ाई के लिए उसका ही त्याग कर दे तो उसके दुःख व पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। अतिथि विद्वान बहनो द्वारा कराया गया मुंडन, दिल को झकझोरने वाला कदम है। पूरा प्रदेश इस घटना से शर्मसार हुआ है।’