महाराष्ट्र में गुरुवार को करीब 1.8 लाख एलोपैथिक डॉक्टरों ने 24 घंटे की हड़ताल की। डॉक्टरों का विरोध राज्य सरकार के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें होम्योपैथिक डॉक्टरों को आधुनिक फार्माकोलॉजी का सर्टिफिकेट कोर्स पूरा करने के बाद राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण की अनुमति दी गई है। हालांकि आपातकालीन और गहन चिकित्सा सेवाएं चालू रहीं।
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. संतोष कदम ने कहा कि इस निर्णय से मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सीधा खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चिकित्सा क्षेत्र में भ्रम फैला रही है और यह कदम “क्वैक प्रैक्टिस” को बढ़ावा देगा।
पहले भी जताया गया था विरोध
दरअसल, राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (एमएमसी) को निर्देश दिया था कि जिन होम्योपैथिक डॉक्टरों ने एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स इन मॉडर्न फार्माकोलॉजी किया है, उन्हें पंजीकृत किया जाए। यह पंजीकरण उन्हें सीमित मामलों में एलोपैथिक दवाएं लिखने की अनुमति देता। लेकिन जब आईएमए ने जुलाई में हड़ताल की चेतावनी दी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की, तब सरकार ने नोटिफिकेशन वापस ले लिया था।
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