महाराष्ट्र के परभणी शहर में मंगलवार को संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस घटना को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। पिछले दो दिनों से शहर में जमकर उपद्रव हुआ। हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान निजी और सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया गया। जिला कलेक्टर कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने 40 लोगों को हिरासत में लिया है।
महाराष्ट्र के परभणी शहर में मंगलवार को संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस घटना को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। पिछले दो दिनों से शहर में जमकर उपद्रव हुआ। हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान निजी और सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया गया।
जिला कलेक्टर कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गई। प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। पुलिस ने इस सिलसिले में 40 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। बड़ी तादाद में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है।
आंबेडकरवादी कार्यकर्ताओं ने बुलाया बंद
अधिकारियों के अनुसार, आंबेडकरवादी कार्यकर्ताओं द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान भीड़ ने आगजनी की और जिला कलेक्टर कार्यालय में तोड़फोड़ की। शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक होगी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद के लिए राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक कंपनी बुलाई गई है।
परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के सामने शीशे में स्थापित संविधान की पत्थर की प्रतिकृति मंगलवार को क्षतिग्रस्त पाई गई, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस ने इस घटना के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, लेकिन बुधवार सुबह भी विरोध प्रदर्शन होने लगे।
यह शर्मनाक घटना- प्रियंका चतुर्वेदी
कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक यशवंत काले ने कहा, ‘दोपहर करीब एक बजे एक दुकान के बाहर पीवीसी पाइपों में आग लगा दी गई। भीड़ के हिंसक होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और उन्हें तितर-बितर कर दिया।’ इधर, शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा की अगुआई वाली महायुति सरकार को हिंसा को लेकर घेरा और कहा कि यह शर्मनाक घटना है।