महाराष्ट्र: वीडी सावरकर के मुंबई आवास का हो सकता है पुनर्विकास

हिंदुत्व विचारक और स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में मौजूद आवास ‘सावरकर सदन’ का पुनर्विकास किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि इमारत में रहने वाले कुछ लोग पुनर्विकास के लिए निजी बिल्डर के साथ बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट का कहना है कि उसे कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है।

मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में मौजूद स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के आवास ‘सावरकर सदन’ का पुनर्विकास किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इमारत में रहने वाले कई लोग कथित तौर पर एक निजी बिल्डर के साथ बातचीत कर रहे हैं। बता दें कि स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट के पास ग्राउंड फ्लोर पर एक कमरा है, जो एक छोटे संग्रहालय के रूप में कार्य करता है।

सूत्रों के मुताबिक, अधिकांश अन्य मालिकों ने पुनर्विकास के लिए बिल्डर से बातचीत कर शुरू कर दी दी है या करार कर लिया है। हालांकि, सूत्रों ने दावा किया है कि अभी तक किसी भी तरह का कोई औपचारिक पुनर्विकास प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया है। एक सूत्र ने बताया कि इमारत के बाहर की दीवारों पर नया पेंट किया गया है, लेकिन अंदर की हालत बहुत खराब हो गई है।

1938 में बनाई गई थी इमारत
ट्रस्ट चाहता है कि अगर इमारत का पुनर्विकास होता है, तो उन्हें नए भवन में ऊपर के हिस्से में (मेजेनाइन फ्लोर) पर ज्यादा जगह मिले और ‘सावरकर सदन’ नाम भी बना रहे। दादर के शिवाजी पार्क इलाके में यह इमारत 1938 में बनाई गई थी। हिंदुत्व विचारक और स्वतंत्रता सेनानी सावरकर यहां 1966 में अपनी मृत्यु तक रहे। ऐतिहासिक अभिलेखों से पता चलता है कि इस परिसर में कई महत्वपूर्ण बैठके हुई थीं, जिनमें 1940 में सुभाष चंद्र बोस और 1948 में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथ बैठकें शामिल हैं।

सावरकर के परिवार और ट्रस्ट के पास इमारत का छोटा हिस्सा
एक व्यक्ति ने बताया कि यह काफी हद तक एक निजी संपत्ति है और बाकी मालिक इमारत को फिर से बनवाने के पक्ष में हैं। सावरकर के परिवार और ट्रस्ट के पास इस इमारत का केवल एक छोटा हिस्सा है। आमतौर पर, पुनर्विकास प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए किसी इमारत के 51 फीसदी मालिकों की सहमति जरूरी होती है।

ट्रस्ट की आम बैठक के दौरान पुनर्विकास पर हुई थी चर्चा: मंजरी
ट्रस्ट की एक सदस्य मंजरी मराठे ने माना कि कुछ लोग बिल्डर से बात कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि ट्रस्ट को कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2024 में ट्रस्ट की वार्षिक आम बैठक के दौरान इस पर चर्चा हुई थी, जिसके बाद बिल्डर से प्रस्ताव मांगा गया था। सूत्रों ने बताया कि लक्ष्मी सदन और शिवाजी पार्क के सामने वाले हिस्से सहित पास के दो और प्लॉट को भी पुनर्विकास योजना में शामिल किया जा सकता है।

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