महाराष्ट्र में साल के अंत तक हो सकते हैं स्थानीय निकाय चुनाव

सभी 29 नगर निगमों, 248 नगर परिषदों, 42 नगर पंचायतों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। 27 नगर निगमों का कार्यकाल 2020-2023 के बीच समाप्त हो गया। इचलकरंजी और जालना नव निर्मित नगर निगम हैं।

महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थानीय निकाय चुनावों के संबंध में वार्ड गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को बताया कि औपचारिकताएं पूरी होने के बाद साल के अंत तक स्थानीय निकाय चुनाव हो सकते हैं। इससे पहले 6 मई को सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों का रास्ता साफ कर दिया था। चुनाव ओबीसी आरक्षण मुद्दे के कारण पांच साल से अधिक समय से रुके हुए थे। राज्य चुनाव पैनल को चार सप्ताह में इसे अधिसूचित करने का आदेश दिया गया था।

क्यों हुई देरी?
राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने पीटीआई को बताया, ‘वार्ड गठन की प्रक्रिया में लगभग 70 दिन लगेंगे। इसके बाद आरक्षण होगा, जिसमें 15 दिन और लगेंगे। मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया में 40 दिन और लगेंगे। ऐसे में साल के अंत तक स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।’ वाघमारे ने कहा, ‘ओबीसी आरक्षण, वार्ड गठन, स्थानीय निकायों में सदस्यों की संख्या, सरकार की ओर से वार्ड गठन की शक्ति के बारे में याचिकाओं सहित कई कारणों से चुनाव में देरी हुई।’

27 नगर निगमों का कार्यकाल 2020-2023 के बीच समाप्त हो गया
सभी 29 नगर निगमों, 248 नगर परिषदों, 42 नगर पंचायतों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ये वर्तमान में प्रशासकों के अधीन हैं। 27 नगर निगमों का कार्यकाल 2020-2023 के बीच समाप्त हो गया। इचलकरंजी और जालना नव निर्मित नगर निगम हैं।

बृहन्मुंबई नगर निगम के चुनाव मौजूदा 227 सीटों के लिए होंगे
इससे पहले शीर्ष अदालत ने आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसमें ओबीसी पर सटीक डेटा तय करने और स्थानीय निकायों में इस वर्ग के लिए 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए जनगणना की सिफारिश की गई थी। स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए मार्च 2022 में बंठिया आयोग का गठन किया गया था। इसने 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के भीतर ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की। मुंबई के बारे में बोलते हुए वाघमारे ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम के चुनाव मौजूदा 227 सीटों के लिए होंगे, न कि 236 के लिए जैसा कि पहले तय किया गया था।

सियासी समीकरण समझिए
स्थानीय चुनावों में महायुति गठबंधन ने पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी। उसे महा विकास अघाड़ी से कड़ी टक्कर मिलेगी। महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं, जबकि एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस हैं। एमवीए को यह भी तय करना है कि वे अकेले लड़ेंगे या गठबंधन के साथ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महायुति स्थानीय निकायों में एक साथ लड़ेगी। हालांकि, वे कुछ जगहों पर अलग-अलग चुनाव लड़ सकते हैं। एमवीए में कांग्रेस ने स्थानीय नेतृत्व पर फैसला छोड़ दिया है, जबकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह स्थानीय निकाय चुनावों की रणनीति पर अपने कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं। एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भी अपनी पार्टी इकाई से स्थानीय चुनावों की तैयारी करने को कहा है।

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