महाराष्ट्र सरकार ने परभणी प्रदर्शनकारी सोमनाथ सूर्यवंशी की हिरासत में मौत की न्यायिक जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश वीएल अचलिया की एक सदस्यीय समिति भी गठित की।
महाराष्ट्र सरकार ने बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की न्यायिक जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एमएल तहलियानी की एक सदस्यीय समिति का गठन किया। प्रारंभिक जांच से मालूम चला कि सरपंच ने क्षेत्र में पवनचक्की परियोजना संचालित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी पर जबरन वसूली के प्रयास का विरोध करने की कोशिश की थी। पुलिस ने इस मामले में अबतक कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
महाराष्ट्र मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है। सरपंच की हत्या मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कराड को सात दिन की हिरासत में लिया है। बुधवार को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, न्यायिक समिति यह निर्धारित करेगी कि देशमुख की मौत के लिए कोई व्यक्ति या संगठन जिम्मेदार था या नहीं। आदेश में कहा गया कि समिति को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाने का भी काम सौंपा गया है।
क्या है बीड सरपंच हत्या मामला
महाराष्ट्र में बीड के मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख को 9 दिसंबर को अपहरण कर प्रताड़ित किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई, क्योंकि वे बीड जिले में एक पवनचक्की परियोजना का संचालन करने वाली एक ऊर्जा कंपनी पर जबरन वसूली की कोशिश को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
सोमनाथ सूर्यवंशी मौत मामले में भी समिति गठित
महाराष्ट्र सरकार ने परभणी प्रदर्शनकारी सोमनाथ सूर्यवंशी की हिरासत में मौत की न्यायिक जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश वीएल अचलिया की एक सदस्यीय समिति भी गठित की। समिति दलित प्रदर्शनकारी की हिरासत में मौत से संबंधित कारणों की जांच करेगी। अधिकारियों के अनुसार, पैनल हिंसा के दौरान स्थिति को संभालने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों की भी जांच करेगा।
35 वर्षीय सूर्यवंशी को संविधान की कांच से बनी प्रतिकृति के अपमान पर परभणी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि बीमार पड़ने के बाद सूर्यवंशी की मौत हो गई थी। दोनों समितियों को तीन से छह महीने के भीतर सरकार को अपने निष्कर्ष सौंपने होंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले महीने दोनों घटनाओं की न्यायिक जांच की घोषणा की थी।