ठाणे के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सूर्यकांत एस शिंदे ने चार मार्च को एक महिला के साथ दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे शैक्षणिक संस्थान के चेयरमैम की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मामले में अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और जांच अभी शुरुआती दौर में है।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक महिला के साथ दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे शैक्षणिक संस्थान के चेयरमैम की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मामले में अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और जांच अभी शुरुआती दौर में है।
क्या है मामला?
पीड़िता के मुताबिक, 2013 में अपनी भाभी के माध्यम से वह आरोपी से मिली थी। आरोपी ने उसे शिक्षिका की नौकरी दिलाने के बदले सात लाख रुपये मांगे और 70 से 80 हजार रुपये मासिक वेतन का वादा किया। पीड़िता ने किसी तरह छह लाख रुपये दे दिए, लेकिन 2015 में आरोपी ने नौकरी पक्की करने के लिए 10 लाख रुपये और मांगे। जब पीड़िता ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो आरोपी ने उसे धमकाकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने कई बार उसका शोषण किया और धमकाया कि अगर उसने किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा।
कोर्ट ने क्यों खारिज की जमानत?
मामले में ठाणे के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सूर्यकांत एस शिंदे ने चार मार्च को जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत का कहना है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और जांच अभी जारी है। मामले में अभियोजन पक्ष के वकील संजय मोरे ने अदालत को बताया कि आरोपी पर पहले भी कई महिलाओं ने इसी तरह के आरोप लगाए हैं।
अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज है, जिनमें बार-बार दुष्कर्म करना, पद का दुरुपयोग कर शारीरिक संबंध बनाना, धोखे से संबंध बनाना, यौन उत्पीड़न, महिला की मर्यादा का अपमान करना और आपराधिक साजिश शामिल हैं।
अदालत ने क्या सुनाया फैसला
न्यायाधीश ने कहा, ‘मामले की गंभीरता को देखते हुए और जांच जारी रहने के कारण इस समय आरोपी को जमानत देना उचित नहीं होगा।’ आरोपी रमेशचंद्र शोभनाथ मिश्रा, को 30 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
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