देश में वंशवाद की राजनीति को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है। बावजूद इसके सोमवार को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार में हमें कुछ यही परिपाटी देखने को मिली। उद्धव ठाकरे सरकार में सियासी परिवार के कई सदस्यों को जगह मिली।
इसकी शुरुआत खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे से ही हुई। 29 साल के आदित्य ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले पहले सदस्य हैं। वह मुंबई की वर्ली सीट से विधायक चुने गए और पहली ही बार में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल गई।
पूर्व सीएम और उनका बेटा भी शामिल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण 2008 से 2010 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार उन्होंने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली है। उनके पिता दिवंगत शंकरराव चव्हाण भी प्रदेश के सीएम रह चुके हैं।
पिता रहे वित्त मंत्री, अब बेटी भी मंत्री
एनसीपी विधायक अदिति तातकरे ने उद्धव सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है। उनके पिता एनसीपी से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस—एनसीपी की पिछली सरकार में वह सिंचाई व वित्त मंत्री भी रहे हैं। अदिति रायगढ़ जिले से श्रीवर्धन सीट से विधायक चुनी गई हैं।
विलासराव देशमुख के बेटे को भी जगह
कांग्रेस नेता अमित देशमुख भी मंत्रिमंडल में वंशवाद का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह लातूर सीट से तीन बार से विधायक हैं। उनके पिता दिवंगत विलासराव देशमुख भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
इसके अलावा कांग्रेस नेता विश्वजीत कदम ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। वह पार्टी नेता दिवंगत पतंगराव कदम के बेटे हैं। क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष के नेता शंकरराव गडख कैबिनेट मंत्री बने हैं। वह एनसीपी के पूर्व नेता यशवंतराव गडख के बेटे हैं। वह एनसीपी से विधायक रह चुके हैं। मगर 2014 में उन्होंने शरद पवार की पार्टी छोड़ 2017 में अपनी पार्टी का गठन किया।