कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के विवादित बयान को लेकर संसद में हंगामा देखने को मिला। खरगे के बयान को लेकर भाजपा ने राज्यसभा में उनसे माफी की मांग की। हालांकि, जब राज्यसभा में हंगामा बढ़ा तो उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को नसीहत दे डाली। उन्होंने राज्यसभा सदस्यों को कहा कि हम बच्चे नहीं हैं।
सभापति जगदीप धनखड़ ने जताई नाराजगी
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि हम एक बहुत बुरा उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। सभापति ने कहा कि बाहर के लोगों का मोहभंग हो गया है। इस तरह के आचरण और व्यवहार से संसद की छवि खराब होती है।
हम पर हंस रहे हैं 135 करोड़ लोग- सभापति
दरअसल, सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में हंगामे के बीच सत्तारूढ़ और विपक्ष की बेंचों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम बच्चे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 135 करोड़ लोग हम पर हंस रहे हैं। वे सोच रहे हैं कि हम किस हद तक गिर गए हैं।
सभापति ने पढ़ाया अनुशासन का पाठ
सभापति ने कहा कि हो सकता है कि सदन के बाहर कुछ कहा गया हो। इस तरह के कथन का आधार हो भी सकता है और नहीं भी। यहां तक कि इस पर दो अलग-अलग राय हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि जब सदन का नेता बोलता है, तो विपक्ष की ओर से हंगामा किया जाए या फिर जब विपक्ष के नेता बोलते हैं तो दूसरी तरफ से हंगामा हो।
मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर मचा हंगामा
बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद भाजपा ने मल्लिकार्जुन खरगे से माफी की मांग की। हालांकि, मल्लिकार्जुन खरगे ने माफी मांगने से इन्कार कर दिया और कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने सदन में ऐसी कोई बात नहीं कही है, जिस पर यहां माफी मांगी जाए।