बिहार की सियासत (Bihar Politics) अब अगले साल पश्चिम बंगाल में शिफ्ट होती दिख रही है। पश्चिम बंगाल में 2021 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए बिहार के राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। वहां सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूरा जोर लगा दिया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) भी पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में कूदने की तैयारी में है। जेडीयू ने पश्चिम बंगाल की 75 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात कही है। खास बात यह कि वहां बीजेपी व जेडीयू के बीच बात नहीं बनी तो दोनों दल अलग-अलग चुनाव मैदान में नजर आ सकते हैं।
पश्चिम बंगाल में 75 सीटों पर तैयारी कर रहा जेडीयू
जेडीयू ने बिहार से बाहर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाने की तैयारी शुरू कर दी है। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि इसके लिए उनकी तैयारी चल रही है। सीटों की संख्या तय की जा रही है। अभी इतना तय है कि कुछ चुनी हुई सीटों पर पार्टी प्रत्याशी उतारेगी। जेडीयू के पश्चिम बंगाल प्रभारी व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा है कि पार्टी वहां 75 विधानसभा सीटों के लिए चुनावी तैयारी कर रही है। बिहार से सटी जेडीयू के प्रभाव वाली सीटों की पहचान भी कर ली गई है। आगे बंगाल इकाई के नेताओं की राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मुलाकात के बाद अंतिम फैसला कर लिया जाएगा।
बीजेपी व जेडीयू साथ रहेंगे या अलग लड़ेंगे चुनाव?
अब सवाल यह है कि क्या जेडीयू पश्चिम बंगाल में बीजेपी के साथ एनडीए में रहते हुए चुनाव मैदान में कूदेगा या वहां कोई और समीकरण बनेगा? गुलाम रसूल बलियावी कहते हैं कि जेडीयू व बीजेपी नेतृत्व के बीच इस बाबत बातचीत होगी। अगर दोनों दलों में सहमति बनी तो साथ लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने झारखंड में बीजेपी से अलग चुनाव लड़ने का उदाहरण देकर पश्चिम बंगाल में भी सहमति नहीं बनने पर अलग सुनाव लड़ने की ओर इशारा कर दिया। केसी त्यागी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में वे पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। जहां तक बीजेपी से गठबंधन की बात है, यह केवल बिहार में है। इसके पहले यूपी, झारखंड समेत कई अन्य प्रदेशों में भी जेडीयू ने बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा है।
बीजेपी नेता बोले: बातचीत से निकाल लेंगे हल
उधर, बीजेपी नेता संजय मयूख ने भी इशारों में स्थिति स्पष्ट कर दी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में जेडीयू व बीजेपी में कोई टकराव नहीं होगा। दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व बातचीत से हम निकाल लेंगे। वैसे, बीजेपी और जेडीयू कई राज्यों में अलग-अलग या साथ में चुनाव लड़ चुके हैं।जेडीयू चाहे तो अलग चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है।
झारखंड में अलग तो दिल्ली में साथ लड़ चुके चुनाव
विदित हो कि बीजेपी व जेडीसू झारखंड में अलग-अलग चुनाव मैदान में थे। जबकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव में दोनों साथ थे। दोनों राज्याें में जेडीयू को विफलता हाथ लगी। पार्टी अब पश्चिम बंगाल में चुनावी तैयारी कर रही है।
ममता के समर्थन में तेजस्वी, मांझी भी ठोकेंगे ताल
पश्चिम बंगाल के चुनाव में जेडीयू का सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। ऐसे में जीतन राम मांझी वहां नीतीश कुमार के समर्थन में नजर आएं, ऐसी उम्मीद है। उधर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) भी पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी को समर्थन देने की घोषणा की है। आरजेडी नेता श्याम रजक ने कहा है कि उनकी पार्टी ममता बनर्जी को दोबारा पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश करेगी।