कहते हैं चाणक्य एक बहुत बड़े ग्यानी थे औ उन्होंने जो भी बातें बताई थी वह सभी पालन करने से लाभ बहुत बड़ी मात्रा में होता है. ऐसे में चाणक्य के अनुसार मनुष्य को धर्म का संग्रह करना चाहिए और धर्म का संग्रह अच्छे कर्मो से किया जाता है. जी हाँ, कहा जाता है मनुष्य की जब मृत्यु होती है तो उसके साथ कुछ भी नहीं जाता बस एक धर्म ही ऐसी वस्तु है जो मनुष्य का मृत्यु के बाद भी साथ नहीं छोडती.
ऐसे कहा जाता है कि चाणक्य ने कहा था मनुष्य को धन का संग्रह करना चाहिए क्योंकि धन के द्वारा ही मनुष्य आपातकाल में अपने परिवार का रक्षण करता है और धन से धर्म की रक्षा भी की जा सकती है इस कारण से मनुष्य को धन का संग्रह जरूर करना चाहिए. इसी के साथ चाणक्य ने कहा था मनुष्य को ज्ञान का संग्रह करना चाहिए. कहते हैं मनुष्य ज्ञान का संग्रह विद्या प्राप्ति के द्वारा और पुस्तकों का अध्यन करते हुए कर सकता है औ इस संसार में ज्ञान ही ऐसी वस्तु है जो कभी कम नहीं होती इसलिए मनुष्य को ज्ञान का संग्रह करना चाहिए.
कहा जाता है चाणक्य के अनुसार मनुष्य को अन्न का संग्रह करना चाहिए और आप सभी जानते ही होंगे कि इस दुनिया में अन्न की बहुत कमी है इसलिए मनुष्य को अन्न का नुकसान नहीं करना चाहिए और अन्न को सुरक्षित स्थान पर संग्रह करना चाहिए. यह वह चीज़ें हैं जिन्हे लोगों को संग्रह करना ही चाहिए.