प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को छतरपुर में केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इस परियोजना से मध्य प्रदेश की 41 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास 25 दिसंबर को छतरपुर में किया जाएगा। राजस्थान सरकार के 1 साल पूरे होने पर जनकल्याण पर्व आयोजित कल्याण अभियान को लेकर भोपाल ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा लिंक परियोजना के शिलान्यास के कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री ने 25 दिसंबर को स्वीकृति दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में किसानों और आम नागरिकों को जल संसाधन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
परियोजना के अंतर्गत पन्ना, छतरपुर, निवाड़ी, दमोह, टीकमगढ़, शिवपुरी, रायसेन, विदिशा और सागर जिलों में शिलान्यास के दिन किसान सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाएगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना का मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा को सुदृढ़ करना है। इसके तहत 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जबकि उत्तर प्रदेश के 2.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में भी सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश की 41 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने पेशवार्ता में सरकार की 1 साल की उपलब्धियां गिनाई।
17 दिसंबर को पार्वती-कालीसिंध परियोजना का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 दिसंबर को पार्वती-कालीसिंध परियोजना का शिलान्यास जयपुर में किया जाएगा। इसकी यह परियोजना गुना, शिवपुरी, देवास, सीहोर, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना जिलों में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ावा देगी। इस परियोजना के तहत 6.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे इन जिलों के किसानों को अत्यधिक लाभ होगा।
कलश यात्रा और प्रभात फेरियां निकाली जाएंगी
पार्वती-कालीसिंध परियोजना के शुभारंभ के दिन इन 11 जिलों में कलश यात्रा और प्रभात फेरियां आयोजित की जाएंगी। इस परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न जिलों में किसान सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें प्रभारी मंत्री, स्थानीय मंत्री और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य परियोजना के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना और किसानों को इसके लाभ के बारे में जागरूक करना है।