चीन में धार्मिक आजादी खतरे में है। आधिकारिक रूप से नास्तिक कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने बीते कुछ समय से कई धार्मिक समुदाय खासकर ईसाइयों पर कार्रवाई तेज कर दी है। सबसे अधिक ईसाई आबादी वाले हेनान प्रांत में अवैध गिरजाघरों को तोड़ा जा रहा है। कैथोलिक चर्च में बच्चों को सामूहिक प्रार्थना में भाग लेने से मना कर दिया गया है। पादरियों को चर्च के सदस्यों, अपने वित्तीय और विदेशी साझेदारों की जानकारी प्रशासन को सौंपने पर मजबूर किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बीजिंग और वेटिकन के बीच हो रही वार्ता के बीच ही चीन सरकार की कार्रवाई तीव्र हो गई है। बिशप की नियुक्ति को लेकर दोनों के बीच दशकों से विवाद चल रहा है। हेनान के अलावा चीन के अन्य प्रांतों में भी चर्च पर हमले हुए हैं। हेनान में कई जगह चर्च टूटने से वहां के रोमन कैथोलिक ईसाई समुदाय के पास प्रार्थना करने का कोई स्थान नहीं बचा है। पुयांग शहर में भी एक चर्च को अवैध करार देकर उसे तोड़ दिया गया। अब वहां ईसा मसीह का फटा हुआ पोस्टर और कुछ मेज ही बची हैं। वहां रहने वाले एक किसान ने बताया कि गिरजाघरों का अस्तित्व खतरे में है।
चर्च द्वारा चलाए जा रहे स्कूल बंद कर दिए गए हैं। गिरजाघर के ऊपर लगे क्रॉस के निशान को हटाकर धार्मिक वस्तुओं को जब्त कर लिया गया है। इस साल बनाए गए नए धार्मिक अधिनियम के तहत समुदाय पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं। कई पादरियों का कहना है कि हेनान प्रांत में लगाई जा रही पाबंदियां धीरे-धीरे पूरे देश में फैलेंगी।
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