महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक महिला श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 में 23.3 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 24.5 प्रतिशत हो गई 2019-20 में 30 प्रतिशत से 2020-21 में 32.5 प्रतिशत और 2021-22 में 32.8 प्रतिशत से 2022-23 में 37 प्रतिशत हो गई है। इसको लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया है।
सरकार ने जानकारी दी है कि देश में महिला श्रम बल भागीदारी दर पहले के मुकाबले बढ़ी है। शुक्रवार को सरकार ने कहा कि 2023 में महिला श्रम बल भागीदारी दर 4.2 प्रतिशत अंक बढ़कर 37 प्रतिशत हो गई है।
37 प्रतिशत हुई महिला श्रम बल भागीदारी दर
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, महिला श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 में 23.3 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 24.5 प्रतिशत हो गई; 2019-20 में 30 प्रतिशत से 2020-21 में 32.5 प्रतिशत और 2021-22 में 32.8 प्रतिशत से 2022-23 में 37 प्रतिशत हो गई है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया, “9 अक्टूबर, 2023 को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 से पता चलता है कि देश में महिला श्रम बल भागीदारी दर 2023 में 4.2 प्रतिशत अंक बढ़कर 37 प्रतिशत हो गई है।
मंत्रालय ने किया पोस्ट
इसको लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट में लिखा, “लैंगिक समानता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक छलांग, बाधाओं को तोड़ना और एक उज्जवल भविष्य को आकार देना!”
नीतिगत उपायों के जरिए हुआ विकास
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक, महिला श्रम बल भागीदारी दर में यह महत्वपूर्ण उछाल सरकार के दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक विकास के नीतिगत उपायों के माध्यम से सुनिश्चित हुआ है। सरकार द्वारा निर्धारित निर्णायक एजेंडे के कारण श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी के दर में बढ़ोतरी हो रही है। दरअसल, सरकार की पहल में लड़कियों की शिक्षित करने, कौशल विकास, उद्यमिता सुविधा और कार्यस्थल में सुरक्षा प्रदान करना शामिल हैं।