बिहार में भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के दिन अब लदने वाले हैं। इस साल भ्रष्टाचार में लिफ्त पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए नीतीश कुमार सरकार ने 644 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है। इनमें से 85 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। कार्रवाई की जद में सिपाही से लेकर आईपीएस अधिकारी तक हैं। इसको लेकर नीतीश कुमार सरकार ने एक से सरकारी नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
बिहार सरकार के इस नोटिफिकेशन में बताया गया कि किस तरीके से 85 पुलिसकर्मी जो शराब बंदी कानून के उल्लंघन, बालू खनन में भ्रष्टाचार और भूमि विवाद में उगाही को लेकर साक्ष्य मिले थे, जिसके आधार पर इन पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। पुलिसकर्मियों पर यह कार्रवाई जनवरी से नवंबर, 2020 के दौरान हुई है।
पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार, दो आईपीएस अधिकारियों को विभागीय कार्रवाई में वृहद सजा दी गई है और चार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, बिहार पुलिस सेवा के सात अफसरों को भी कड़ी सजा मिली है। जबकि 25 से खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी है।
606 अराजपत्रित पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। इनमें से पचासी अफसरों को सेवा से बर्खास्त, 55 को कड़ा दंड और चार को लघु दंड दिया गया है। वहीं कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामले विचाराधीन है, जिन पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।
बिहार पुलिस अपने पदाधिकारियों और कर्मियों में पेशेवर कुशलता और लापरवाही करते अभियंता और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति बनाए रखना चाहती है। इसी को लेकर इस नीति के तहत वर्ष 2020 में नवंबर माह तक मुख्य रूप से मद्य निषेध अधिनियम के क्रियान्वयन में कोताही, बालू आदि के अवैध खनन, परिवहन में संलिप्त, भूमि संबंधित मामलों और भ्रष्टाचार आदि मामलों में 644 पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासननिक कार्रवाई की गई है।
पुलिस मुख्यालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 48 से अधिक पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जिन्हें आरोपों की तुलना में कम सजा दी गई थी। उनके मामलों की समीक्षा करने के बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से कड़ी सजा दी गई है। इनमें से 23 पुलिस अफसरों को सेवा से बर्खास्त और पांच सेवा निर्मित पदाधिकारियों को पेंशन में कटौती करने का निर्णय लिया गया है। ये पुलिसकर्मी वर्ष 2016 में गोपालगंज जिले में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में जुड़े हैं।