भोपाल के मायाराम सुरजन स्मृति भवन में आयोजित प्रतिष्ठित “शब्द उत्सव” के दौरान, सीहोर के युवा कथाकार और उपन्यासकार आकाश माथुर को वर्ष 2025 का वागीश्वरी पुरस्कार प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके बहुचर्चित उपन्यास ‘उमेदा, एक योद्धा नर्तकी’ के लिए दिया गया, जिसने पाठकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है। समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार नरेश सक्सेना, प्रज्ञा रोहिणी, गंगा शरण सिंह और हीरा लाल नागर जैसे नामचीन हस्ताक्षर उपस्थित रहे।
‘उमेदा’ भूले इतिहास को जीवंत करती रचना
आकाश माथुर के उपन्यास ‘उमेदा एक योद्धा नर्तकी’ में इतिहास के एक भुला दिए गए अध्याय को कलम के जरिए पुनर्जीवित किया गया है। यह कथा कुँवर चैन सिंह के साथ शहीद हुई नर्तकी उमेदा के जीवन पर आधारित है, जिसकी वीरता का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हुआ। लेखक ने बिखरे हुए संदर्भों, मौखिक इतिहास और लोककथाओं से एक सशक्त स्त्री किरदार को जन्म दिया है,जो न केवल योद्धा है, बल्कि स्वाभिमान और त्याग की प्रतीक भी।
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