कोरोना संक्रमण से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक भोपाल में गुरुवार को कोरोना का भयानक रूप देखने को मिला। पिछले छह महीने में ऐसा पहली बार हुआ जब भोपाल में एक दिन में कोरोना संक्रमण से 23 लोगों की मौत हुई। इनमें से आठ मरीज भोपाल शहर के थे तो शेष 15 आसपास (राजगढ़-रायसेन के तीन-तीन, पन्ना, शुजालपुर, होशंगाबाद, गुना, नरसिंहपुर, सीहोर, दमोह, उज्जेन और इटारसी के एक-एक) के शहरों के थे।

इससे पहले 16 सितंबर को 12 मरीजों की मौत हुई थी। इनमें पांच भोपाल के थे। कोविड-19 मरीजों का अंतिम संस्कार भदभदा और सुभाष नगर विश्राम घाट पर हो रहा है। गुरुवार को भदभदा विश्राम घाट पर दिनभर में 19 कोरोना, एक संदिग्ध और सात सामान्य मृतकों के शव पहुंचे। जबकि सुभाषनगर विश्राम घाट पर चार कोरोना मरीजों का दाह संस्कार हआ।
हैरानी की बात यह है कि भोपाल में कोरोना मृत्युदर बढ़कर 2.39 फीसदी हो गई है, जो गुरुवार को देश की मृत्युदर 1.62 फीसदी से 0.66 फीसदी ज्यादा रही। शहर में सितंबर के 18 दिनों में 71 मरीज दम तोड़ चुके हैं। इनमें एक दिन में पांच से ज्यादा मौतें पांच बार हुई हैं।
भोपाल में गुरुवार को 265 तो प्रदेश में 2,391 मामले सामने आए। अब तक कुल 97,906 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। पिछले तीन दिन में सात हजार से ज्यादा मामले बढ़ रहे हैं। कुल संक्रमितों का आंकड़ा शुक्रवार को एक लाख के पार जा सकता है। हालांकि, मामले बढ़ने के बावजूद प्रदेश में रिकवरी रेट 75 फीसदी बना हुआ है।
21 सितंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा के एक दिनी सत्र के पहले सदन के छह कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है। साथ ही विधायकों और अन्य कर्मचारियों का कोविड-19 रैपिड टेस्ट कराया जा रहा है। दो दिन में 100 कर्मचारियों की जांच की जा चुकी है।
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