झारखंड में विधानसभा चुनावों के चौथे चरण का मतदान होने के साथ-साथ राज्य की सियासी तस्वीर लगभग साफ होने लगी है। पिछले तीन चरणों में 50 सीटों पर हुए मतदान और चौथे चरण की 15 सीटों पर होने वाले मतदान के बाद सभी 65 सीटों पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और उसे चुनौती दे रहे विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राजद के महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है।
खासकर 12 दिसंबर को हुए तीसरे चरण की 20 सीटों और चौथे चरण की 15 सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन तय करेगा कि राज्य में उसकी दोबारा वापसी होगी या नहीं। क्योंकि इन 35 सीटों पर पिछले चुनावों में भाजपा को मिली शानदार जीत ने ही उसके सत्ता में आने का रास्ता साफ किया था।
विधानसभा चुनावों के पहले चरण में जिन चतरा, गुमला, बिशुनपुर, लोहरदगा, मनिका, लातेहर, पंकी, डाल्टनगंज, बिश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा, और भवंथपुर और दूसरे चरण में जिन बहारगोरा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, सरायकेला, खारसावांस, चाईबासा, मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, तमा़ड़, मांडर, तोरपा, खूंटी, सिसई, सिमडेगा और कोलेबीरा बेहद संवेदनशील और नक्सल प्रभावित इलाके माने जाते हैं। इन चरणों में भाजपा को विपक्षी महागठबंधन ने कड़ी टक्कर दी है।