अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भारत को अल्पसंख्यकों के लिए जन्नत बताया. नकवी ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक भी पीएम मोदी को गाली दे सकता है, लेकिन क्या पाकिस्तान में ऐसा संभव है कि कोई अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को गाली दे.

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ने अल्पसंख्यकों को भी पूरे सम्मान के साथ रखा है. यह देश अल्पसंख्यकों के लिए जन्नत है, जबकि पाकिस्तान जहन्नुम. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे बवाल पर कहा कि भारत के किसी मुसलमान ने पाकिस्तान की नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया है, लेकिन वहां हो रहे जुल्म से तंग आकर हिंदुओं ने यहां की नागरिकता के लिए आवेदन किया है.
नकवी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में भी मुसलमान नहीं कहा था. शाह ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक कहा था. उन्होंने सवाल किया कि इन देशों में मुसलमान अल्पसंख्यक है क्या. सेक्युलरिज्म और सहिष्णुता देश के बहुसंख्यक समाज के डीएनए में है. इसीलिए भारत ताकतवर है.
एनआरसी को लेकर नकवी ने कहा कि यह प्रक्रिया साल 1951 से चल रही है. इसे कोई मोदी सरकार लेकर नहीं आई है. विपक्ष को हिंदू और मुसलमान न करने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि जो भी भारत के नागरिक होंगे, उनकी नागरिकता को कोई खतरा नहीं है. असम में एनआरसी से जुड़े सवाल पर नकवी ने कहा कि यह अभी फाइनल नहीं हुई है.
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