भारत से दुनिया के कई देशों को वैक्सीन की सहायता दी जा रही है। इस क्रम में अब कंबोडिया ने भारत से सहायता मांगी है। वहां के प्रधानमंत्री हुन सेन (Prime Minister Hun Sen) की ओर से यह मांग की गई है। यह जानकारी कंबोडियाई मीडिया ने दी। सूत्रों के अनुसार, 45 लाख कोवैक्सीन के डोज में से 8 लाख डोज भारत की ओर से मॉरिशस (Mauritius), फिलिपींस और म्यांमार को भेजे जाएंगे। भारत इस महामारी की संकट में न केवल अपने पड़ोसियों की मदद करना चाहता है बल्कि मानवता धर्म को भी बखूबी निभाने की इच्छा रखता है।

16 जनवरी से भारत में शुरू कोविड-19 वैक्सीन की प्रक्रिया के लिए दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि दुनिया के अनेक देश भारत सरकार से वैक्सीन की तत्काल सप्लाई की मांग कर रहे हैं। अपने पड़ोसी देशों की मदद से भारत इनकार नहीं कर रहा है और अपने पड़ोसी देशों भूटान, अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और बांग्लादेश को वैक्सीन की 1 करोड़ डोज देने को लेकर विचार कर रहा है। ये वैक्सीन निश्चित आयु वर्ग के लोगों पर प्राथमिकता के आधार पर नियंत्रित इस्तेमाल के लिए दी जाएंगी। केंद्र सरकार वैक्सीन की सप्लाई की योजना पर काम कर रही है।
कोविड-19 महामारी से संघर्ष कर रही दुनिया के सामने इसपर रोक लगाने का एकमात्र हथियार वैक्सीन है। कई देशों ने वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर दिया है। इसमें भारत भी शामिल है जहां पूरी दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीनेशन ड्राइव चलाया जा रहा है। बता दें कि भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट में कोविड-19 वैक्सीन विकसित की गई है और इस साल 300 मिलियन से अधिक भारतीयों को इसके डोज देने का लक्ष्य रखा गया है।
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