आईएएस की सेवा छोड़कर राजनेता बने शाह फैसल ने राजनीति छोड़ने का निर्णय लिया है. शाह फैसल के प्रशासनिक सेवा में वापस शामिल होने की भी संभावना है. मीडिया से खास बातचीत में शाह फैसल ने कहा कि मैं राजनीति छोड़ रहा हूं.
उन्होंने कहा कि कश्मीर में एक नई वास्तविकता है और हमें इसके संदर्भ में आना होगा. IAS के रूप में मैं इस राष्ट्र के भविष्य में एक हितधारक रहा हूं. मैं कल्पना नहीं कर सकता कि कुछ लोग मुझे भारत विरोधी कह रहे हैं.
शाह फैसल ने कहा कि मुझे देशद्रोही के तौर पर नहीं देखा जा सकता है, जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है. मैं आगे बढ़ना चाहता हूं और नए सिरे से शुरुआत करना चाहता हूं.
शाह फैसल ने आगे कहा कि जो भी स्थिति हो, जीवन रुक नहीं सकता. हमारे सामने गरीबी, अशिक्षा, असमानता और बेरोजगारी की बड़ी चुनौतियां है. अब इस दिशा में कुछ करने की जरूरत है. अगली बार कहां जाऊंगा यह तो समय ही बताएगा.
बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला हुआ था तब बाकी नेताओं की तरह शाह फैसल को भी हिरासत में रखा गया था. कुछ वक्त पहले ही उन्हें छोड़ा गया है, जिसके बाद शाह फैसल ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है.
जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) के वरिष्ठ नेता फिरोज पीरजादा के मुताबिक, ”ये तय है कि शाह फैसल ने खुद को अलग कर लिया है और पार्टी नेताओं ने मुझे नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी है.”
बताया जा रहा है कि शाह फैसल फिर से प्रशासनिक सेवा ज्वाइन कर सकते हैं. दरअसल, इसकी बड़ी वजह ये भी मानी जा रही है कि आईएएस सेवा से दिया गया उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया गया है.
ये दिलचस्प है कि शाह फैसल ने खुद अपना इस्तीफा दिया था और राजनीतिक फ्रंट का गठन किया था, बावजूद इसके उनका नाम जम्मू-कश्मीर के आईएएस अफसरों की लिस्ट से नहीं हटाया गया.