केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि उड्डयन क्षेत्र में विकास पर्यटन उद्योग के लिए ईंधन की तरह काम करता है। उन्होंने कहा कि देश में साल 2030 तक दुनिया के सबसे बड़े उड्डयन बाजार बनने की क्षमता है। जयंत सिन्हा ने कहा, “समय की मांग है कि पर्यटन व उड्डयन उद्योग के सभी हितधारकों के प्रयासों को एकजुट किया जाए।”
पर्यटन तथा उड्डयन उद्योग के सभी हितधारकों को एक साथ लाने के उद्देश्य से फाउंडेशन फॉर एविएशन एंड सस्टेने
बल टूरिज्म (एफएएसटी) तथा ट्रेवल ट्रेड जर्नल (टीटीजे) ने गुरुवार को ‘बूस्टिंग टूरिज्म : स्ट्रेटेजी एविएशन द ड्राइविंग फोर्स’ विषय पर संयुक्त रूप से एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
संगोष्ठी टूर एंड ट्रेवल संचालकों, होटल व्यवसायियों, निवेशकों, बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों पर केंद्रित रहा। उड्डयन उद्योग के अन्य हितधारकों में हवाईअड्ड़ा संचालक तथा विमान सेवा प्रदाता हैं। महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने, पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति के विकास के लिए सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाया गया।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री डॉ.महेश शर्मा हालांकि अपरिहार्य कारणों से संगोष्ठी में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने अपना संदेश भेजा।
त्रिपुरा व छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल तथा एफएएसटी के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल केएम सेठ ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। संगोष्ठी में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ.गुरुप्रसाद मोहपात्रा, एयर इंडिया के मुख्य प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी, नागरिक उड्डयन महानिदेशक बीएस भुल्लर, पवनहंस के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ.बीपी शर्मा तथा नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कंठ ने भी अपने विचार रखे।