चीन भारत में बहुतायत में निर्यात कर रहा है और उस पैसे से अपनी सेना का खर्च उठा रहा है | चीनी खिलोनो में लीड की मात्रा इतनी अधिक होती है की उस से बच्चों को मानसिक बीमारियां हो रही है चूँकि मासूम बच्चे खेलते खेलते उन चीजों को मुंह में ले लेते है जैस एप्लास्टिक के गुड्डे गुड़िया इत्यादि |
खान-पान सामग्री में चीन करता है खूब मिलावट
इसके अलावा चीन भारत में खाने पीने की ऐसी कई चीजे भेज रहा है जिस से सीधे भारत की युवा पीढ़ी पागल हो जाये और उनका नर्वस सिस्टम ख़राब हो जाये | उन्ही चीजों की कुछ सूचि हम आपको दे रहे है जिसे चीन धड़ल्ले से भारत में निर्यात कर रहा है और मुनाफाखोर या यूँ कहें की हरामखोर व्यापारी मुनाफे के लिए देश से गद्दारी कर रहे है
1- नकली चावल जो बेहद खतरनाक है
प्लास्टिक राइस को बनाने के लिये आलू, शकरकंद और प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है। जो इसे असली चावल का आकार देने में सहायक होता है। इसे खाने से पहले तो पेट की बीमारियां होंगी और अगर नियमित तौर पर खाया गया तो, कैंसर भी हो सकता है। बड़े बड़े होटलों, रेस्टॉरेंट में इसे मुनाफाखोर इस्तेमाल कर रहे है
2- प्लास्टिक और पेंट से बनी हुई पत्तागोभी
इस पत्तागोभी को देख कर आप पता ही नहीं लगा पाएंगे कि यह अलग अलग रंगों, प्लास्टिक और केमिकल से तैयार की हुई है, और इसे बड़े पैमाने पर मोमो, चौमिन बेचने वाले इस्तेमाल कर रहे है, बड़े बड़े होटल में मुनाफा कमाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है
3- नकली मटर
चीन में नकली मटर भी बनाई जाती है। यह मामला 2005 का है जब करीब आधे घंटे तक पकाने के बाद भी मटर नहीं पकी और और इसका पानी पूरी तरह से हरा हो गया। इसमें से गंध भी आती है। ये भारतीय बाज़ारों में आजकल मिलना शुरू हो गया है और होटल में मुनाफाखोर इसे इस्तेमाल कर रहे है
4- मिटटी से बनी हुई कालीमिर्च
यहां काली मिर्च को मिट्टी से तैयार किया जाता है जिसे खाने से हर तरह का गैस्ट्रिक इंफेक्शन हो सकता है।
5- मांस से बने हुए कैंडी, टॉफी, चॉकलेट
चीन में मांस बनाने के लिए भी कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। चीन में सुअर (पॉर्क) के मांस को गाय के मांस जैसा बनाने के लिए सुअर के मांस को एक बहुत ही खतरनाक केमिकल में 90 मिनट तक डाल कर रखते हैं जिसके बाद इसक टेस्ट बिलकुल गाय के मांस जैसा हो जाता है। इसे बनाने की पीछ की वजह यह है कि चीन में पॉर्क यानी सुअर का मांस बहुत सस्ता है और गाय का महंगा। इसलिए ज्यादा प्राफिट हासिल करने के लिए ये तरीका अपनाया गया। डॉक्टरों का मानना है कि यदि इस मांस को खाया जाए तो यह जहर का काम करता है और इसका सेवन करने वाले लोगों को केंसर जैसी भयंकर बीमारिया भी हो सकती हैं।
6- नकली अंडे
ये अंडे Alginic Acid, पोटेशियम फिटकिरी, जिलेटिन, कैल्शियम क्लोराइड, पानी और कृत्रिम रंग से बनाए जाते हैं। अंडे के छिलके को जिसे हम एग शैल कहते हैं, उसे कैल्शियम कार्बोनेट से बनाते हैं। इन अंडों के सेवन से व्यक्ति को पागलपन के दौरे पड़ सकते हैं।
इसके अलावा भी ब्रांडेड आंटा, ब्रेड इत्यादि में चीन ने घुसबैठ कर दी है, बड़े बड़े रेस्तरां ये आसानी से ले रहे है जो की बहुत कीमत पर मुनाफाखोरों से मिल जा रही है और इनका इस्तेमाल तो छोटे रेस्तरां से लेकर 5 सितारा होटलों में भी किया जा रहा है, होटल मालिकों को मुनाफे से मतलब है आपकी सेहत से नहीं और इस सबकी जानकारी भारत सरकार को भी है पर ना जाने सरकार स्वयं कुम्भकरण की नींद क्यों सो रही है|भारत में नए नए तरह की बिमारियों का कारण, कई मानसिक बिमारियों का कारण चीनी खाने पीने के ये सामान ही है|
नोट : चीन योजनाबद्ध तरीके से 2030 तक 20% भारतियों को मानसिक रूप से कमजोर करने की योजना पर काम कर रहा है चूँकि रिपोर्ट ये है की 2050 तक भारत चीन से बड़ा आर्थिक शक्ति बन जायेगा| अतः चीन सतर्क होकर लम्बी रणनीति बना रहा है और हम भारत के लोग सो रहे है, आने वाली पीढ़ी पागल होगी और फिर गुलाम…..