भारत समेत हिंद महासागर के 23 देश तबाही की कगार पर हैं। वजह है सागर में आई सुनामी। सुनामी को देखते हुई हजारों लोगों को शिफ्ट किया गया है। बुधवार को सुनामी को लेकर मॉक ड्रिल शुरू हुई। ‘IOWave16’ नाम की ये ड्रिल दो दिन चलेगी। इसमें इमरजेंसी को लेकर वॉर्निंग सिस्टम और इक्विपमेंट्स की टेस्टिंग की गई। एक्सरसाइज में तटीय इलाकों से 35 हजार लोगों को बाहर निकाला गया।
न्यूज एजेंसियों की खबर के मुताबिक, ड्रिल के लिए वैसा ही सबकुछ किया गया जैसा सुनामी आने पर होता है। इसके लिए इंडोनेशिया के सुमात्रा आईलैंड में सोमवार सुबह 8.30 बजे 9.2 तीव्रता के भूकंप और सुनामी फेक वॉर्निंग जारी की गई। इसी को देखते हुए 7 राज्यों ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल, केरल, गुजरात, गोवा और अंडमान-निकोबार आईलैंड में मॉक ड्रिल की गई। आंध्र प्रदेश में ड्रिल के तहत अथॉरिटीज ने तटीय इलाकों के 9 जिलों से लोगों को बाहर निकाला। गुरुवार को ड्रिल के दूसरे पार्ट में पाकिस्तान और ईरान (मकरान इलाके) में 9 तीव्रता के भूकंप को देखते हुए ड्रिल होगी।
‘IOWave16’ नाम की ड्रिल यूनेस्को के अंतर्गत आने वाले इंटरनेशनल ओशिनोग्राफिक कमीशन (IOC) ने ऑर्गनाइज कराई थी। 26 दिसंबर, 2004 को आई सुनामी के बाद यूनेस्को ने इंडियन ओशन सुनामी वॉर्निंग एंड मिटिगेशन सिस्टम (IOTWMS) को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। अफसरों के मुताबिक, ड्रिल का मकसद वॉर्निंग और फोरकास्ट सिस्टम की जांच करना था ताकि मौके पर तुरंत अलर्ट भेजा जा सके और मामले की गंभीरता को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके।
IOWave16 का मकसद ये भी देखना था कि आपदा के दौरान डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट और लोकल कम्युनिटीज के बीच बेहतर तालमेल हो सके। इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इन्फॉर्मेशन सर्विस (INCOIS) से मिली जानकारी के आधार पर इंडियन सुनामी अर्ली वॉर्निंग सेंटर (ITEWC) 10 मिनट में तेज भूकंप और उसके बाद संभावित सुनामी की एडवाइजरी जारी करता है। वॉर्निंग के बाद डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट का काम शुरू होता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके|