कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी जारी है, मृतकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। दुनियाभर में फिलहाल इसके रोकथाम के लिए कोई दवा या टीका विकसित नहीं हो पाया है, हालांकि फ्रांस को भारत से इस दिशा में काफी उम्मीदें हैं।
रविवार को फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनाइन ने कहा कि एक बार कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार मिल जाए तो उसके बाद भारत को बड़े पैमाने पर दवा और टीके के उत्पादन में अहम भूमिका निभानी होगी।
इमैनुएल लेनाइन ने कहा, ‘अगर हम चाहते हैं कि कोविड-19 की दवा और टीका आने के बाद दुनियाभर में उसका समान वितरण हो तो इसके लिए सभी देशों के बीच समन्वय की बहुत आवश्यकता है। इसमें दवाओं और टीकों के उत्पादक देश के तौर पर भारत को अहम भूमिका निभानी होगी।’
दरअसल, भारत दुनियाभर में टीकों और जेनेरिक दवाओं का अग्रणी निर्माता देश है और कोरोना के इस बुरे दौर में भी देश के अनेक शोध संस्थान कोरोना वायरस संक्रमण की दवा तलाशने में लगे हुए हैं।
फ्रांस के राजदूत का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब बड़ी संख्या में देश और यूरोपीय संघ ऐसे प्रयास कर रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार की कोई भी दवा अथवा टीके का व्यापक पैमाने पर उत्पादन हो ताकि सभी तक इसकी न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित हो सके।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की दो दिवसीय बैठक में भी यह मुद्दा जोर शोर से उठा था और कई देशों ने सभी देशों के लिए दवा उपलब्ध कराने की मांग की थी। उसका कहना था कि ऐसे न हो कि सारी दवाएं अमीर देशों के पास पहुंच जाएं।
बता दें कि विश्व में अब तक कोरोना संक्रमण के कारण 3.30 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं जबकि 50 लाख से अधिक संक्रमित हैं। वहीं दुनियाभर में कई शोधकर्ता कोरोना वायरस की दवा तैयार करने के काम में दिन रात जुटे हुए हैं।