भारत को केवल कोरोना वायरस के लिए नहीं बल्कि आर्थिक तबाही के लिए भी तैयार रहना चाहिए: राहुल गांधी

केरल के वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को संसद में प्रशनकाल के दौरान सदन में विलफुल डिफॉल्टर का मुद्दा उठाया। इसके बाद वह दूसरा पूरक प्रश्न पूछना चाहते थे जिसकी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उन्हें इजाजत नहीं दी।

इसे लेकर मंगलवार को उन्होंने कहा कि उन्होंने मुझे चोट पहुंचाई है। वहीं उन्होंने कहा कि भारत को केवल कोरोना वायरस के लिए नहीं बल्कि आर्थिक तबाही के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

राहुल गांधी ने कहा, ‘जब आप कोई सवाल पूछते हैं तो आपको पूरक प्रश्न पूछने की इजाजत होती है। चोट पहुंचाना लोकसभा अध्यक के लिए ठीक हो सकता है। मैं समझ सकता हूं कि वह मुझे बोलने नहीं देना चाहते। मैं एक सांसद हूं। मेरे कुछ अधिकार हैं। जिन्हें वह खत्म नहीं कर सकते। आज पूरे तमिल लोग तमिल भाषा के बारे में एक पूरक प्रश्न पूछना चाहते हैं।’

कांग्रेस सांसद ने कहा कि आप तमिल लोगों के अधिकारों को नहीं छीन सकते। उन्होंने कहा, ‘यह तमिलनाडु के लोगों और उनकी भाषा के बारे में है। उन्हें अपनी भाषा की रक्षा करने, उस पर विश्वास करने और उसके बारे में बोलने का पूरा अधिकार है। आप तमिल लोगों से इस सदन में अपनी भाषा के बारे में सवाल पूछने का अधिकार नहीं छीन सकते हैं।’

वहीं कोरोना वायरस को लेकर राहुल गांधी ने कहा, ‘यह एक सुनामी आने की तरह है। भारत को सिर्फ कोरोनोवायरस के लिए ही नहीं बल्कि आने वाली आर्थिक तबाही के लिए भी तैयार रहना चाहिए। मैं बार-बार इसे कह रहा हूं। हमारे लोग अगले छह महीनों में अकल्पनीय दर्द से गुजरने वाले हैं।’

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने मंगलवार को कहा कि पूरक प्रश्न को लेकर सदन से बाहर आसन पर सवाल करना ठीक नहीं है। बिरला ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया था कि जानबूझकर कर्ज अदायगी नहीं करने वाले चूककर्ताओं के संदर्भ में पूरक प्रश्न पूछने का मौका नहीं दिया गया और बतौर सांसद उनके अधिकार का संरक्षण नहीं किया गया।

 

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