ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के दौरान कई चीजें देखने को मिली। यहां सबसे पहली बात तो ये समझ आई कि, टीम इंडिया की बेंच स्ट्रेंथ कमाल की है जिसने स्टार खिलाड़ियों के नहीं रहने के बावजूद टीम की जीत में बड़ी भूमिका निभाई। दूसरी बात ये कि, भारतीय टीम पूरी तरह से कप्तान विराट पर निर्भर नहीं है और तीसरी बात ये कि, जीत के लिए जरूरी नहीं है कि मैदान पर आक्रामकता दिखाई जाए। रहाणे की तरह कूल अंदाज में कप्तानी करके भी एक मजबूत टीम को उसके घर में हराया जा सकता है।
इस टेस्ट सीरीज के दौरान भारत की तरफ से कई खिलाड़ियों ने अपना टेस्ट डेब्यू किया जिसमें शुभमन गिल, वाशिंगटन सुंदर, मे. सिराज, नवदीप सैनी व टी नटराजन जैसे खिलाड़ी शामिल रहे। शार्दुल ठाकुर को भी मौका मिला, लेकिन वो इस टेस्ट सीरीज से पहले एक टेस्ट मैच खेल चुके थे पर उनके पास ज्यादा अनुभव नहीं था। ज्यादा अनुभव नहीं होने के बाद भी उन्होंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही अपना दम दिखाया।
इस टेस्ट सीरीज में जीत दिलाने में हर खिलाड़ी का सहयोग रहा, लेकिन टीम के ओपनर बल्लेबाज शुभमन गिल और वाशिंगटन सुंदर ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। भारतीय टीम को शुभमन गिल के रूप में एक शानदार टेस्ट ओपनर मिला है जिसमें क्षमता भी है और संभावनाएं भी हैं। शुभमन के बारे में एक पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने यहां तक कह दिया कि, अगले दस साल तक वो भारत के लिए खेलेंगे।
शुभमन गिल को इस टेस्ट सीरीज में तब मौका मिला जब पहले टेस्ट मैच में पृथ्वी शॉ फेल रहे थे। दूसरे टेस्ट में मिले मौके को शुभमन ने अच्छी तरह से भुनाया और अपनी प्रतिभा भी दिखाई। हालांकि शुभमन को और आगे जाना है, लेकिन फिलहाल तो उन्होंने इस दौरे पर अपने सभी प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ दिया है। शुभमन गिल ने इस टेस्ट सीरीज के तीन मैचों की 6 पारियों में 51.80 की औसत से 59 रन बनाए और इसमें दो अर्धशतक शामिल था। उनका बेस्ट स्कोर 91 रहा।
शुभमन गिल के अलावा टीम इंडिया को टेस्ट का एक बेहतरीन ऑलराउंडर मिला जिन्हें चौथे टेस्ट में रवींद्र जडेजा की जगह मौका दिया गया था। वाशिंगटन सुंदर बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। चौथे टेस्ट की पहली पारी में उन्हें तीन विकेट मिले साथ ही उन्होंने 62 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम को मुसीबत से बाहर निकाला था। फिर दूसरी पारी में उन्होंने एक विकेट लिया और नाबाद 22 रन की पारी खेलकर पंत के साथ टीम को जीत भी दिलाई।
वाशिंगटन सुंदर बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं जो टीम के लिए बड़ा एडवांटेज है। वो निचले क्रम पर अच्छी बल्लेबाजी करने के साथ-साथ कमाल की गेंदबाजी करते हैं। खुद कप्तान रहाणे ने कहा कि, उनकी वजह से चौथे टेस्ट में टीम ज्यादा संतुलित लगी। जडेजा की जगह पर आए सुंदर ने उनकी कमी जरा भी महसूस नहीं होने दी और शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया। टीम इंडिया ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से जीती।