भारत के बाद अब ईरान की सरकार के नेताओं और ईरानी सेना ने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है, क्योंकि पाकिस्तान यह कर पाने में समर्थ नहीं है। पाकिस्तान के बालाघाट स्थित जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कैंप पर भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को एयर स्ट्राइक किया था। इसके बाद ईरान ने भी पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कह चुके हैं कि पाकिस्तान आतंकवादियों की पनाहगाह बना हुआ है।
आइआरजीसी कुर्द सेना के प्रमुख जनरल कासिम सोलेमानी ने पाकिस्तानी सरकार और उसके सैन्य प्रतिष्ठान को कड़े शब्दों में चेताया है। सोलेमानी ने कहा है, ‘मैं पाकिस्तान की सरकार से सवाल करना चाहता हूं कि आप किस ओर जा रहे हैं? सभी पड़ोसी देशों की सीमा पर आपने अशांति फैला रखी है। क्या आपका कोई ऐसा पड़ोसी बचा है जहां आप असुरक्षा फैलाना चाहते हैं। आपके पास तो परमाणु बम हैं, लेकिन आप इस क्षेत्र में एक आतंकी समूह को खत्म नहीं कर पा रहे जिसके सदस्यों की संख्या सैकड़ों में है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ईरान के सब्र का इम्तेहान नहीं लेना चाहिए।
13 फरवारी को पाकिस्तान से सटी ईरान के सिस्तान बलूचिस्तान सीमा में एक आत्मघाती हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के 27 जवान शहीद हो गए थे। ईरान का कहना है कि उनके खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पाकिस्तान अपने देश में आतंकवाद को पनाह दे रहा है। कुर्द सेना के कमांडर जनरल कासिम सोलेमानी ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर पनप रहे आतंकवाद को खत्म नहीं किया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
दरअसल, ईरान और भारत आतंकवाद के मुद्दे पर एक ही नाव में सवार हैं। पाकिस्तान में फल-फूल रहे आतंकी भारत और ईरान के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी हमले कर रहे हैं। इधर, ईरान और भारत के बीच बीते कुछ समय में सहयोग बढ़ा है। ऐसे में आतंकवाद के मुद्दे पर भी ईरान, भारत के साथ खड़ा नजर आ रहा है।
26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट और दो अन्य स्थानों पर स्थित आतंकी अड्डों पर हवाई हमला किया था। इस घटना के बाद 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक में लगभग 250 आतंकी ढेर हो गए।