भारत द्वारा आतंकियों पर की गई कार्रवाई और फिर पाकिस्तान द्वारा हमले की कोशिश करने के बाद मिले करारा जवाब के बाद पाकिस्तान की सरकार अब बौखला चुकी है।
इस बीच पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को जासूसी के आरोप में आवंछित घोषित कर दिया। पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक और उनके परिवार को 24 घंटे के अंदर पाकिस्तान छोड़ने को कहा है।
पाकिस्तान सरकार ने किया पोस्ट
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है।”
“पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को उसकी विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति के साथ असंगत गतिविधियों में संलग्न होने के लिए अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। संबंधित अधिकारी को 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है।”
भारत के एक्शन से बौखलाया पाक
पोस्ट में कहा गया, “भारतीय उच्चायुक्त को आज विदेश मंत्रालय में बुलाया गया था और इस आदेश से अवगत कराया गया।”
उल्लेखनीय है कि भारत ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अदिकारी को भारत में उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुरूप नहीं होने वाली गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया था।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के अनुरूप गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है। अधिकारी को 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है।”
आतंकवाद के खिलाफ भारत का एक्शन
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था। यह हमला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक हमले का बदला लेने के लिए किया गया था, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे।
100 से ज़्यादा आतंकवादियों को मार गिराने के अलावा, इन हमलों में पाकिस्तान के अंदर 11 एयर बेस को निशाना बनाया गया और उनकी सैन्य क्षमताओं को काफी नुकसान पहुंचाया गया। हवाई, जमीनी और समुद्री अभियानों को संयमित तरीक़े से अंजाम दिया गया, जिसमें नागरिकों की कम से कम हताहत होने पर ज़ोर दिया गया।