संविधान दिवस के मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने देश में अदालती कामकाज को लेकर केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है। उन्होंने इस दौरान हुए एक आयोजन में कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने कई मौकों पर देश के आम नागरिकों में हमारी न्यायिक प्रणाली पर विश्वास बढ़ाने की कोशिश की है। इसी कोशिश के तहत अदालतों में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है।
भारत भाषा समिति का गठन
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मानती है कि ये बेहद जरूरी है कि लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास बढ़े और लोग उससे खुद को जुड़ा हुआ महसूस करें। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें देश को ये जानकारी देते हुए बेहद खुशी हो रही है कि कानून मंत्रालय के तत्वावधान में बार काउंसिल आफ इंडिया ने भारत भाषा समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता भारत के पूर्व CJI एसए बोब्डे करेंगे।
शब्दों की सूची तैयार
रिजिजू ने बताया कि समिति अपने पहले कदम के रूप में, उन शब्दों और वाक्यांशों की एक सूची तैयार कर रही है जो आमतौर पर कानून की विभिन्न शाखाओं में अक्सर उपयोग किए जाते हैं। इस तरह के शब्द सभी भारतीय भाषाओं के करीब एक सामान्य कोर शब्दावली विकसित करने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में कानूनी सामग्री का अनुवाद करने के लिए भी इस्तेमाल किए जाते हैं। उनके मुताबिक विधायी विभाग ने ऐसे करीब 65,000 कानूनी शब्दों की एक शब्दावली तैयार की है। अब सरकार की कोशिश इन्हें सामान्य रूप से उपलब्ध कराने की है। सरकार की योजना है कि क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित कानूनी शब्दावली को इकट्ठा कर उन्हें डिजिटाइज किया जाए, जिससे वो सभी को उपलब्ध हो सकें।
संविधान दिवस 2022
गौरतलब है कि 26 नवंबर 1949 को ही संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान स्वीकार किया गया था। इस वजह से ही इस दिन को मनाया जाता है। संविधान सभा के मौके पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश आज सभी मुश्किलों को पीछे छोड़कर तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने ईकोर्ट परियोजना की भी शुरुआत की है। इसके बाद एक क्लिक पर देशवासियों को कई तरह की जानकारियां हासिल हो जाएंगी।