प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच कि दोस्ती कि घनिष्टिता साफ नज़र आती है ।अब यही घनिष्टता भारत और अमेरिका के बीच नज़र आने लगी है ।अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एनएसजी में सदस्यता को लेकर भारत का जमकर समर्थन किया था ।ओबामा ने भारत को एनएसजी में सदस्यता दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी मगर चीन ने भारत के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए भारत को एनएसजी में शामिल नहीं होने दिया ।मगर अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा जाते-जाते पीएम मोदी से किया अपना वादा निभा के जाएंगे इस बात के संकेत उन्होने दे दिये हैं ।
प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस बात कि जानकारी दी है कि अमेरिका भारत कि एनएसजी में सदस्यता को लेकर पुरजोर समर्थन करेगा ।लाओस में दोनों नेताओं के बीच आसियान सम्मेलन के दौरान मुलाक़ात हुई थी ।जहां दोनों नेताओं ने असैन्य परमाणु सहयोग और जलवायु परिवर्तन पे साथ-साथ लड़ने कि बात की ।उसी दौरान एनएसजी का भी मुद्दा उठा जिसपर अमेरिका ने भारत को पूरा समर्थन देने की बात की ।
पीएम मोदी ने भी ट्वीट करके लिखा है कि ‘भारत और अमेरिका रिश्तों को अमेरिका के राष्ट्रपति पे अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा के साथ विस्तार पर चर्चा हुई।’ चीन के रुख को देखते हुए अमेरिका ने चीन पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है ।साउथ चाइना सी के मुद्दे पर चीन बुरी तरह घिर चुका है ।चीन ने इस मुद्दे पर भारत से मदद मांगी थी ।
चीन ने ह्वांगचो में G-20सम्मेलन के दौरान जिस तरह भारत को अहमियत देते हुए प्रधानमंत्री मोदी को विश्व नेताओं की पंक्ति में स्थान दिया वो चीन की साफ-साफ मजबूरी दिखाता है ।अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक बार फिर चीन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है ।ऐसे में उम्मीद है की भारत कोएनएसजी में जल्द ही सदस्यता मिल जाएगी ।