योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि एक करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण के साये में हैं। जिन देशों में ठंड ज्यादा है, वहां ज्यादा संक्रमण है। आफत की इस घड़ी में लोग सशंकित न हों, विदेश से आने वाले लोग आ रहे हैं, उनको देश में आने दें।
एहतियात के तैर पर उन्हें एक सुरक्षा चक्र में रखें। कुछ दिनों तक ऐसे लोगों को ट्रैक करते रहें। सिर्फ शरीर का तापमान देखकर कोरोना का पता नहीं लगाया जा सकता। एनआरआइ को भी 10 दिनों तक ट्रैक करने की जरूरत है।
कोराेना वायरस के जनक के तौर पर चीन का जिक्र करते हुए शनिवार को रांची पहुंचे बाबा रामदेव ने कहा कि चीन के लोगों को योग विद्या सिखाया जाएगा।
गिलोय और तुलसी जैसी जड़ी-बूटी भी भेजने का काम भारत सरकार करेगी, ताकि जल्द से जल्द कोरोना वायरस की बीमारी पर निजात पाया जा सके।
बाबा रामदेव ने कहा कि भारत की 70 प्रतिशत आबादी कोरोना के डर से परेशान है। इससे बचने के लिए स्वच्छता रखें। ग्रामीण क्षेत्र में मास्क की जरूरत नहीं है, लेकिन यदि बाहर के देश से आए लोगों से संपर्क में हैं तो थोड़ा सचेत रहें।
बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना हवा में नहीं फैलता। वर्तमान में इसके डर से सेनेटाइजर और मास्क का धंधा फल-फूल रहा है। संक्रमित लोगों से बचें और कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखें।
बाबा ने कहा कि शराब से हाथ धोने से कोरोना खत्म होता है, ऐसे भ्रम से बचने की जरूरत है। कोरोना शरीर के इम्युनिटी को खत्म करती है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटी में गिलोय, तुलसी, हल्दी, कालीमिर्च और अदरक का काढ़ा लाभकारी है।
बाबा ने कहा कि कपालभाति, अनुलोम विलोम सरीखे प्राणायाम से इस पर काबू पाया जा सकता है। योग से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। इन योग से कोरोना से खुद को बचा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि गांव के लोग खूब होली खेलें, बस ध्यान रखना है कि किसी विदेशी के संपर्क में न रहें। शहरी क्षेत्र में अनजान लोगों के साथ होली न खेलें। कहा कि मांसाहार में एक डर बना रहता है। फिलहाल इससे बचें।