अजीत वाडेकर के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 1971 में ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए इंग्लैंड को पहली बार उसी के घर में पराजित किया था। वाडेकर के जांबाजों ने इससे ठीक पहले वेस्टइंडीज को भी उसी के घर में शिकस्त दी थी।
भारतीय टीम के इस करिश्माई प्रदर्शन की याद को हमेशा बनाए रखने के लिए 1972 में इंदौर में नवलखा में चिडि़याघर के पास 25 फुट ऊंचा ‘विजयी बल्ला’ बनाया गया था। इस पर भारतीय टीम के सभी खिलाडि़यों के नाम और हस्ताक्षर अंकित है। भारतीय कप्तान वाडेकर ने स्वयं इस बल्ले का उद्घाटन किया था। इस पर यह मैसेज भी लिखा गया था, भारतीय क्रिकेट निरंतर अपराजित रहे।2009 में इंदौर में बीआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण के चलते इस ‘विजयी बल्ले’ को नेहरू स्टेडियम में स्थापित किया गया। इस दौरान इसकी ऊंचाई भी बढ़ाई गई।
इंदौर का भारत के घरेलू क्रिकेट में विशेष स्थान है। होलकर क्रिकेट के गढ़ इंदौर का एक समय भारत के क्रिकेट में दबदबा रहता था। इंदौर में हमेशा से ही क्रिकेट और क्रिकेटरों का सम्मान होता रहा है। इसी कड़ी में यह ‘विजयी बल्ला’ हमारे पूर्व विजेता क्रिकेटरों की याद दिलाता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal