भारत और यूरोप के 4 देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट लागू

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट 1 अक्टूबर से लागू हो गया है। इस समझौते से भारत को 15 सालों में 100 अरब डॉलर का निवेश मिलने का अनुमान है जिससे 10 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसे भारत की विदेश व्यापार नीति में महत्वपूर्ण कदम बताया है। FTA के लागू होने से कई यूरोपीय उत्पाद सस्ते होंगे।

भारत और यूरोप के चार प्रमुख देशों स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के समूह यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) 1 अक्टूबर से लागू हो गया। यह भारत का इन चार देशों के साथ पहला FTA है।

इस समझौते से भारत को 15 सालों में इन देशों से 100 अरब डॉलर (करीब 8.86 लाख करोड़ रुपये) का निवेश मिलने का अनुमान है, जिससे भारत में लगभग 10 लाख नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।

भारत के लिए यह समझौता काफी अहम है क्योंकि इससे ना केवल व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे, बल्कि भारतीय निर्यातकों और उद्योगपतियों के लिए भी नए रास्ते खुलेंगे। EFTA ने भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात (92 प्रतिशत टैरिफ लाइनों) पर शुल्क छूट देने का फैसला लिया है।

भारत को मिलेगा बड़ा फायदा
भारत ने इस समझौते में EFTA के सामने 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर रियायतें दी हैं। हालांकि, कुछ क्षेत्रों को सुरक्षा प्रदान की गई है, जैसे फार्मा, मेडिकल डिवाइसेज, डेयरी, प्रोसेस्ड फूड, सोया, कोल और कुछ कृषि उत्पाद।

गोल्ड पर कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि भारत का EFTA से 80 प्रतिशत से अधिक इम्पोर्ट गोल्ड का है। इसके अलावा, IT, शिक्षा, बिजनेस सेवाओं और ऑडियो-विजुअल सेवाओं के लिए नए अवसर मिलेंगे। इससे भारतीय पेशेवरों को नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, और आर्किटेक्चर जैसे क्षेत्रों में भी लाभ होगा।

‘नई दिशा में भारत के कदम’
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस ऐतिहासिक समझौते के लागू होने पर खुशी जाहिर करते हुए इसे भारत की विदेशी व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि भारत अब यूरोपीय देशों से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के मामले में एक मजबूती और आत्मविश्वास के साथ काम कर रहा है। इससे भारतीय निर्यातकों, उद्योगों और सेवा प्रदाताओं को बेहतर अवसर मिलेंगे, और करोड़ों लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा।

क्या सस्ता होगा?
FTA के लागू होने से भारतीय बाजार में कई यूरोपीय उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। खासकर स्विट्जरलैंड की वाइन, चॉकलेट, कपड़े, बिस्किट, अंगूर, ड्राई फ्रूट्स, सब्जियां, कॉफी और घड़ियां जैसी चीजें अब भारतीय बाजार में सस्ती मिलेंगी। इसके अलावा, भारत के इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, केमिकल्स और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को भी लाभ होगा।

भारत ने अब तक कितने FTA साइन किए हैं?
भारत ने अब तक 16 देशों और ब्लॉक्स के साथ FTA साइन किए हैं। इनमें श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, यूके, मॉरीशस और आसियान शामिल हैं।

2014 के बाद भारत ने पांच नए FTA मॉरीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, EFTA और यूके के साथ साइन किए हैं। इसके अलावा, अमेरिका, ओमान, यूरोपीय यूनियन, पेरू, चिली, न्यूजीलैंड और इजराइल के साथ भी भारत मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत कर रहा है।

FTA क्या होता है?
FTA यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, दो या दो से अधिक देशों के बीच एक समझौता होता है जिसमें व्यापार पर लगने वाले शुल्क (टैरिफ) को कम या खत्म किया जाता है। इसका उद्देश्य उन देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना और व्यापारिक अवरोधों को हटाना होता है।

FTA के तहत उत्पादों पर कम शुल्क या शुल्क मुक्त व्यापार की सुविधा मिलती है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ता है और दोनों को आर्थिक फायदा होता है।

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