भारत और बहरीन ने एक महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते के लिए वार्ता शुरू करने की घोषणा की और दोनों देश एक निवेश समझौते को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच गए हैं। बहरीन के शीर्ष पांच व्यापारिक साझेदारों में से भारत एक है।
अलजायानी रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे जिसका उद्देश्य व्यापार, निवेश और रक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाना है, जबकि पश्चिम एशिया में संघर्ष और भू-राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है।
दोनों मंत्रियों ने डबल टैक्सेशन अवाइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) के लिए वार्ता शुरू करने के लिए सामान्य समझ विकसित करने पर भी सहमति जताई। यह दोहरे कराधान को समाप्त करने कर निश्चितता प्रदान करने व व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
संयुक्त बयान में बताया कि दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, फिनटेक, अंतरिक्ष, संस्कृति और जनसंपर्क के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने इलेक्ट्रानिक्स, पेट्रोलियम, प्रोसेस्ड फूड, बेस मेटल व गहनों व रत्नों जैसे क्षेत्रों में व्यापार के और विकास के लिए काम करने का संकल्प लिया। दोनों पक्षों ने आतंकवाद व पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है।
गाजा में शांति के लिए एकमत
भारत-बहरीन की द्विपक्षीय बैठक के उद्घाटन भाषण में विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने गाजा शांति योजना के लिए भारत के समर्थन को दोहराया और आशा व्यक्त की कि यह क्षेत्र में संघर्ष के लिए एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान की ओर ले जाएगा।
बहरीन के विदेश मंत्री अलजायानी ने जयशंकर के इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि पश्चिम एशिया में आपसी सम्मान के लिए शांति और बातचीत के रास्ते खुले रहने चाहिए। उन्होंने सभी पक्षों से गाजा में युद्धविराम का पालन करने और संयम बरतने पर जोर दिया।
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