जो ज्यादा कीमत के चलते ब्रैंडेड प्रोडक्टस नहीं खरीद पाते। ऐसे में उन लोगों के लिए किसी भी ब्रैंडेड प्रोडक्ट की फर्स्ट कॉपी बनाई जाती है। इसी ट्रेंड पर अब ई-कॉमर्स कंपनियां भी चलने लगी हैं। यहां भी कई प्रोडक्ट ऐसे हैं जो ओरिजनल न होकर उनकी फर्स्ट कॉपी हैं। ऐसे में अगर आप ऑनलाइन कुछ भी खरीदते हैं तो आप यह कैसे पता लगा पाएंगे की जो प्रोडक्ट आपने ऑर्डर किया है वो ओरिजनल है या फेक?
कंपनी की विश्वसनियता को पहुंचा घक्का:
वर्ष 2015 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई आधारित साड़ी डिस्ट्रीब्यूटर श्री मीना क्रिएशन्स ने फ्लिपकार्ट, अमेजन, ई-बे समेत दो दर्जन विक्रेताओं को कोर्ट में घसीटा था। क्योंकि ये सभी कंपनियां और विक्रेता उनकी कॉपिराइट साड़ियों के डिजाइन का डुप्लीकेट बनाकर बेच रहे थे। इसके बाद इन कंपनियों की विश्वसनियता को घक्का पहुंचा था क्योंकि ये कंपनियां 100 फीसद ओरिजनल प्रोडक्ट का दावा करती हैं।
प्रोडक्ट के रिटेलर और रिव्यू पर दे ध्यान:
ऑनलाइन सामान खरीदते समय आप जिस भी रिटेलर से सामान ले रहे हैं अगर वो जाना-माना रिटेलर है तो ही सामान खरीदें। लेकिन अगर वो कोई नया रिटेलर है सामना न खरीदें। साथ ही किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसके रिव्यूज पर ज्यादा ध्यान दें। अगर प्रोडक्ट के रिव्यूज फेक या रिप ऑफ जैसे हैं तो प्रोड्कट न खरीदें।
आकर्षक डील्स से रहें सावधान:
यह जरुरी नहीं कि हर प्रोडक्ट पर दी जा रही डील सही हो। कुछ डील्स ऐसी भी होती हैं जो यूजर्स को बेहद कम कीमत में प्रोडक्ट खरीदने का लालच देती हैं। ऐसी डील्स में मिल रहे प्रोडक्टस डुप्लीकेट हो सकते हैं।
बारकोड से करें पता:
किसी भी प्रोडक्ट पर दिए गए बारकोड के नंबर से उसकी जानकारी मिल सकती है। बारकोड के नीचे दिए गए नंबर को गूगल पर एंटर करें। इससे आपको प्रोडक्ट की पूरी जानकारी मिल जाएगा।
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