हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, यदि किसी भी मास की सप्तमी तिथि को रविवार का दिन पड़ता है, तो उस दिन भानु सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष भानु सप्तमी का पर्व 15 मार्च दिन रविवार को है।
इस दिन भगवान सूर्य की आराधना विधि विधान से की जाती है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी पापों और दुखों का नाश हो जाता है। व्यक्ति वर्ष भर आरोग्य जीवन और धन प्राप्त करता है। भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव को जल देने से यादाश्त अच्छी होती है और मन एकाग्र रहता है।
भानु सप्तमी मुहूर्त
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि का प्रारंभ 15 मार्च दिन रविवार को तड़के 04 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है, जो 16 मार्च दिन सोमवार को तड़के 03 बजकर 19 मिनट तक है।
आज का पंचांग
दिन: रविवार, चैत्र मास, कृष्ण पक्ष, सप्तमी तिथि।
आज का दिशाशूल: पश्चिम।
आज का राहुकाल: सायं 04:30 बजे से सायं 06:00 बजे तक।
आज की भद्रा: प्रात: 04:26 बजे से अपराह्न 03:47 बजे तक।
भानु सप्तमी पूजा विधि
सप्तमी तिथि को प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब पूजा स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठ जाएं। इसके बाद सूर्य देव का लाल चंदन, अक्षत्, लाल फूल, धूप, गंध आदि से विधिपूर्वक पूजा करें। इसके पश्चात कपूर या गाय के घी वाले दीपक से आरती करें।
अब तांबे के स्वच्छ पात्र में गंगाजल मिश्रित जल लें, उसमें अक्षत्, लाल फूल और लाल चंदन शामिल कर लें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और इस दौरान ‘ओम सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। भानु सप्तमी के दिन हो सके तो, भोजन में नमक का इस्तेमाल न करें।
जिन लोगों को एकाग्रता और यादाश्त की समस्या है, उनको आज के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। इससे आपको अवश्य ही लाभ होगा।