कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जाने पर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीय कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, रोजी-रोटी की मार झेल रहे हैं, आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और भाजपा सरकार रात के अंधेरे में देशवासियों की खून-पसीने की कमाई लूटने में लगी है.
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमत पूरी दुनिया में अपने न्यूनतम स्तर पर है. उसका लाभ देशवासियों को देने की बजाए मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर मुनाफाखोरी कर रही है. विपदा के समय इस तरह पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर लूटना ‘आर्थिक देशद्रोह’ है.
1- 14 मार्च, 2020 की रात को केंद्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर 3 रुपये टैक्स लगा दिया. 5 मई की रात एक बार फिर 10 रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त टैक्स लगा दिया.
मात्र 48 दिन में (14 मार्च से 4 मई के बीच) मोदी सरकार ने डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर टैक्स व पेट्रोल पर 13 रुपये प्रति लीटर टैक्स लगा दिया. अकेले इस टैक्स बढ़ोतरी से मोदी सरकार जनता की जेब से 1,40,000 करोड़ रु. सालाना लेगी.
2- 26 मई, 2014 को (जब मोदी जी ने कार्यभार संभाला) भारत की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की लागत 108.05 अमेरिकी डॉलर या 6,330.65 रुपये प्रति बैरल पड़ती थी.
एक बैरल में 159 लीटर होते हैं यानि तेल की कीमत थी 39.81 रुपये. प्रति लीटर. 4 मई, 2020 को भारत की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की लागत 23.38 अमेरिकी डॉलर या 1772 रुपये प्रति बैरल पड़ती है.
यानि आज देश में प्रति लीटर तेल की लागत 11.14 रुपये प्रति लीटर है. ऐसे में फिर देशवासियों को 11.14 रुपये प्रति लीटर वाला तेल 71.26 रु. प्रति लीटर (पेट्रोल) व 69.39 रुपये प्रति लीटर (डीजल) क्यों बेचा जा रहा है?
3- मई, 2014 में डीजल पर केंद्रीय सरकार द्वारा लिया जा रहा टैक्स-3.56 रुपये प्रति लीटर
5 मई, 2020 को डीजल पर केंद्र सरकार का डीजल पर टैक्स- 31.73 रुपये प्रति लीटर
मोदी सरकार ने 5.5 साल में डीजल पर टैक्स बढ़ाया- 28.17 रुपये प्रति लीटर
मई, 2014 में पेट्रोल पर केंद्रीय सरकार द्वारा लिया जा रहा टैक्स-9.48 रुपये प्रति लीटर
5 मई, 2020 को पेट्रोल पर केंद्र सरकार का डीजल पर टैक्स- 32.98 रुपये प्रति लीटर
मोदी सरकार ने 5.5 साल में पेट्रोल पर टैक्स बढ़ाया- 23.50 रुपये प्रति लीटर
4- भाजपा सरकार ने 2014-15 से 2019-20 तक यानि 6 वर्षों में 12 बार पेट्रोल व डीजल पर टैक्स बढ़ाकर 130 करोड़ भारतीयों से 17 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं. इस जबरन वसूली का पैसा कहां गया, जब जनता को कोई राहत ही नहीं मिली. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता को जवाब देना चाहिए.