भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कही ये बड़ी बात…

तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरने के छह माह पूरे होने पर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की बर्बादी की तारीख भी 26 ही होगी। उनके नेतृत्व में यूपी गेट पर कृषि कानून विरोधियों ने सरकार का पुतला फूंका और काले झंड़े लेकर धरना स्थल पर नारेबाजी करते हुए परिक्रमा भी की। उन्होंने आंदोलन स्थल पर शामिल प्रदर्शनकारियों की कम संख्या को देखते हुए कहा कि यह आंदोलन 2024 तक भाजपा सरकार के रहने तक भी चल सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी पार्टी की होती तो शायद मांगों को मान लिया जाता। यह व्यक्ति विशेष की हठधर्मिता है। सत्तासीन पार्टी के सांसद हाउस अरेस्टिंग हैं, जो चाहकर भी न कुछ बोल सकते और न कहीं जा सकते। हमें इस आंदोलन की तैयारी वैसे ही करनी होगी जैसे तीन साल के लिए फसल की करते हैं। गांव में बैठे हुए लोग आएंगे नहीं तो आंदोलन कैसे चल पाएगा। खेत में जाए बिना फसल कैसे तैयार होगी। उन्होंने कहा कि जैसे खेत की रखवाली करते हैं वैसे ही आंदोलन की करनी होगी। खुद ही झोपड़ी बनानी होगी। गांव से साधन लाने पड़ेंगे। आंधी-बारिश और गर्मी से निपटने के लिए पक्के टेंट की व्यवस्था करनी होगी। रस्सी, बांस, तख्त, चारपाई और ट्रालियां सब मजबूत चाहिए।

उन्होंने कहा कि गांव से लेकर दिल्ली तक संघर्ष तेज करना होगा, आंदोलन की भाषा सीखनी होगी। तारीख वह भी 26 ही थी, जब किसानों ने दिल्ली तक चार लाख ट्रैक्टर पहुंचा दिए थे। यह तारीख हर महीने आती है और ट्रैक्टर भी हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सरकार अगर बात नहीं मानेगी तो उसकी बर्बादी का दिन भी 26 तारीख ही होगा।

 

पुलिस-प्रशासन तंग करेगा तो कटेगी थाने और दफ्तर की बिजली

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस तंग करेगी तो थाने की, प्रशासन करेगा डीएम दफ्तर समेत अन्य विभागों की बिजली काटी जाएगी। उन्होंने कहा कि कहीं कुछ भी हो सकता है। किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। आंदोलन लंबा चलेगा और अंजाम तक पहुंचाकर ही यह समाप्त होगा। सरकार को वार्ता के लिए पत्र लिखा है। आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा। भूख को देखकर अनाज की कीमतें तय करने की योजना को पूरा नहीं होने देंगे।

 

आंदोलन में आने वालों का रजिस्ट्रेशन होगा

अब कृषि विरोधी धरने में आने वालों का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। यूपी गेट पर धरनास्थल के मंच से कृषि कानून विरोधियों को संबोधित करते हुए भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। यहां आने वाले हर व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके लिए समिति की ओर से तैयारी की जा रही है।

 

26 को काला 27 को लगेगा सफेद

कृषि कानून विरोधियों ने 26 मई को धरना के छह माह पूूरे होने पर यूपी गेट पर काले झंड़े लेकर परिक्रमा करते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की। अब भाकियू प्रवक्ता ने 27 मई को सफेद झंडा लहराने की बात की है। उन्होंने आह्वान किया है कि किसान सफेद झंड़ा लगाकर शांति का संदेश दें। बताएं कि हम शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ ही वार्ता चाहते हैं। लेकिन नए कृषि कानूनों को वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।

 

खाने की बर्बादी रोकने की योजना

यूपी गेट पर कृषि कानून विरोधियों की तादाद में काफी कमी आई है। ऐसे में यहां जमा खाने का स्टाक रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो रहा है। इसे लेकर मंच से भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि खाने की बर्बादी न हो इसके लिए समिति योजना तैयार करेगी, जो भंड़ारण की सही व्यवस्था के साथ ही कहां से कब क्या और कितना मंगाना है। यह तय किया जाएगा। ताकि खाने की बर्बादी न हो।

 

घर जाएं तो 15 दिन रहें क्वारंटाइन

भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि किसान आंदोलन को कोरोना का नाम देकर बदनाम किया जा रहा है। ऐसे में धरना स्थल से जाने वाला अपने गांव और घर पर 15 दिन तक क्वारंटाइन रहे और यहां भी 15 दिन के लिए आए। ताकि किसी को उंगली उठाने का कोई मौका न मिले।

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