राजधानी में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले बढ़ने के साथ मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में ही 600 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। ऐसा पहली बार है कि सात दिन में इतने लोगों की मौत हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई मरीज हालत गंभीर होने पर अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। मौत के मामलों के बढ़ने का यह एक बड़ा कारण है।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सात दिन में 625 लोगों ने संक्रमण से जान गंवाई हैंा। शनिवार को 96 लोगों की मौत हुई, रविवार को 95 वहीं, बृहस्पतिवार को रिकॉर्ड 104 लोगों का दम टूटा।
इसके चलते दस दिन की मृत्युदर अब बढ़कर 1.23 % हो गई है। करीब दो माह बाद यह एक फीसदी से ज्यादा हुई है। हालांकि, दिल्ली की कुल मृत्युदर फिलहाल 1.57% है।
एम्स के डॉक्टर विजय गुर्जर बताते हैं कि जिस हिसाब से संक्रमित मिल रहे हैं, उसके मुकाबले कम लोगों की मौत हो रही है। यही कारण है कि कुल मृत्युदर नहीं बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कई लोग गंभीर हालत होने पर ही अस्पताल का रुख कर रहे हैं। इससे मौत के मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा बढ़ता प्रदूषण भी एक कारण है, क्योंकि प्रदूषण लोगों के फेफड़ों को प्रभावित करता है।
कोरोना भी फेफड़ों को ही नुकसान पहुंचाता है। इसलिए कई संक्रमितों में कोरोना के गंभीर लक्षण उभर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली से बाहर के कई मरीज गंभीर हालत में आकर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। रोजाना हो रही मौतों में बाहर से आने वाले मरीजों की भी बड़ी संख्या है।