महाराष्ट्र में जानवरों में एक अजीब संक्रामक बीमारी फैल रही है, जिसमें जानवरों की पीठ पर बड़ी-बड़ी गुठली दिखने लगती है, बुखार और लूज मोशंस आते हैं और फिर जानवर चारा खाना बंद कर देते हैं.

महाराष्ट्र के हिंगोली और अमरावती जिले में जानवरों में लंपी बीमारी का संक्रमण दिखने लगा है. यह एक संक्रामक बीमारी है जिसमें जानवर कुछ भी खाना बंद कर देते हैं. संक्रामक बीमारी होने के कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.
इस बीमारी का फैलाव ज्यादातर जबड़ों में होता है. इस बीमारी के लक्षण दिखने के बाद यदि तुरंत इलाज न कराया जाए तो यह बढ़ने लगती है. बीमारी बढ़ने के बाद इसका इलाज मुश्किल होता है और इसमें जानवरों की जान भी जा सकती है जिससे किसानों का भारी नुकसान हो सकता है.
एक किसान शिवाजी लोंढे ने बताया कि हमारे मवेशियों को एक नए वायरस ने घेरा है, जिनके शरीर पर गुठली जैसी हो जाती है. उसे बुखार आता है. वह जानवर महज बैठा रहता है, काम करने के मूड में नहीं रहता है, ना ही चारा खाता है.
ऐसे में हम बड़ी चिंता में डूबे हुए हैं कि अब क्या करें. डॉक्टर के पास ले जाए तो कहते हैं कि इसकी कोई दवाई नहीं है. अब खेत का काम करना है, कैसे करें, इस चिंता में हम डूबे हुए हैं.
जानवरों के डॉक्टर विष्णु गायकवाड ने बताया कि इस बीमारी में जानवरों के शरीर पर गुठली सी निकली आती है. उसे बुखार आता है. डिहाइड्रेशन होता है. यह बीमारी साथ में होने से फैलती है जिसमें जानवरों को एक-दूसरे से दूर बांधना पड़ेगा.
किसी जानवर को किसी दूसरे जानवर का चारा पानी न दिया जाए. हालांकि अभी तक यह बीमारी किसी व्यक्ति में नहीं निकली है. इसका प्राथमिक स्टेज पर ही इलाज किया तो यह कंट्रोल में आने की संभावना है. किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है.
इस बीमारी को लेकर राज्य के पूर्व कृषि मंत्री डॉक्टर अनिल बोंडे ने बताया है कि इस बीमारी के लक्षण अधिकतर मराठवाड़ा और विदर्भ के कुछ इलाकों में देखे जा रहे हैं.
इसका कोई वैक्सीन तो है ही नहीं लेकिन जहां तक बताया गया है कि इस बीमारी के लिए एंटीबायोटिक्स तथा मलेरिया की दवाइयां इफेक्टिव हैं. बीमारी को देखते हुए यह दवाएं किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है.
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