लॉकडाउन के कारण कारोबारियों के साथ सरकार को बड़े आर्थिक नुकसान उठाने पड़ रहे हैं। अप्रैल में 21 बड़े राज्यों को संयुक्त रूप से 97,100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
इंडिया रेटिंग्स की बुधवार की रिपोर्ट के मुताबिक, विमानन, पर्यटन, होटल और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में उत्पादन, आपूर्ति-श्रृंखला, कारोबार और अन्य गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं।
इससे केंद्र और राज्य दोनों नकदी के मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि, राज्यों की समस्याएं ज्यादा हैं क्योंकि उन्हें कोविड-19 महामारी के साथ इससे जुड़े खर्चों से भी जूझना पड़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों को अप्रैल में जीएसटी से 26,962 करोड़, वैट से 17,895 करोड़, एक्साइज ड्यूटी से 13,785 करोड़, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन ड्यूटी से 11,397 करोड़, वाहन टैक्स से 6,055 करोड़, बिजली पर टैक्स एवं ड्यूटी से 3,464 करोड़ और गैर-टैक्स राजस्व के रूप में 17,595 करोड़ की कमाई होनी थी, जो नहीं हुई। इसमें आगे कहा गया है कि अगले सप्ताह लॉकडाउन पूरी तरह खत्म होने पर भी दूसरी तिमाही तक आर्थिक गतिविधियां सामान्य नहीं होंगी।
गुजरात को सबसे ज्यादा चपत
लॉकडाउन से वे राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जिनकी कुल राजस्व में अपने स्रोतों से कमाई की हिस्सेदारी ज्यादा है। गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलगांना की 65-76 फीसदी कमाई उनके अपने स्रोतों से होती है।
76 फीसदी के साथ गुजरात शीर्ष पर है, इसलिए उसे सर्वाधिक नुकसान होगा। तेलंगाना की 75.6 फीसदी, हरियाणा की 74.7 फीसदी, कर्नाटक की 71.4 फीसदी, तमिलनाडु की 70.4 फीसदी, महाराष्ट्र की 69.8 फीसदी, केरल की 69.6 फीसदी और गोवा की 66.9 फीसदी कमाई अपने से स्रोतों होती है।