माल्या ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद देश छोड़ दिया था। वह मार्च 2016 से लंदन में है। भारत सरकार लगातार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। 2017 में जी-20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे से माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की थी। पिछले साल चार दिसंबर को इस मामले में यूके की कोर्ट में केस शुरू हुआ था।
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर यूके की अदालत सोमवार को फैसला सुना सकती है। इस मामले में 12 सितंबर को आखिरी सुनवाई हुई थी। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। इस मामले में जांच कर रही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमें भी यूके के लिए रवाना हो गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की वह मांग खारिज कर दी जिसमें उसने ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की थी। ईडी ने मुंबई स्थित विशेष अदालत में अर्जी दाखिल कर मांग की थी कि माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए। माल्या ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट ने माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी। जिसके खिलाफ माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
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विजय माल्या ने गुरुवार को ट्वीट कर यह अपील दोहराई कि वह बैंकों का 100% बकाया चुकाने को तैयार है। लेकिन यह किस्सा खत्म होना चाहिए कि उसने पैसा चुराया। माल्या ने बुधवार को सैटलमेंट का प्रस्ताव देते हुए कहा था कि वह साल 2016 में ही कर्ज चुकाने को तैयार था। इस बारे में सरकार को चिट्ठी भी लिखी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।