आंध्र प्रदेश में मंदिरों और मूर्तियों पर हमलों को लेकर सरकार और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्य में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों को लेकर कहा कि राज्य में जाति और धर्म के बीच दरारें पैदा करने की कोशिश की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत प्रचार किया जा रहा है और कुछ लोग सरकारी योजनाओं का ध्यान भंग करने की कोशिश कर रहे हैं.
दरअसल, राज्य के विजयनगरम जिले के रामतीर्थम पहाड़ी मंदिर में 28 दिसंबर को भगवान राम की मूर्ति को खंडित करने का मामला सामने आया था. इसी के दो दिन बाद राजामहेंद्रवरम के भी एक मंदिर में सुब्रह्मणेश्वर स्वामी की मूर्ति खंडित पाई गई थी. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है. इसे लेकर विपक्ष ने YS जगनमोहन रेड्डी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
BJP के सुनील देवधर ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘क्या आपकी चुप्पी और निष्क्रियता को उपद्रवियों के लिए छिपे समर्थन के रूप में नहीं माना जाना चाहिए?’ वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यह विश्वासघात है. इस पर पलटवार करते हुए सत्तारूढ़ YSR कांग्रेस के नेताओं ने चंद्रबाबू नायडू पर सरकार के खिलाफ विद्रोह फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा, “कुछ लोगों को भगवान का डर नहीं है और न ही भगवान से भक्ति है, ऐसे लोग भगवान पर भी राजनीति कर रहे हैं, भगवान की मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं. मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करके येलो मीडिया के जरिए गलत प्रचार किया जा रहा है. क्या ये लोग इंसान हैं जो जाति और धर्म के बीच दरार पैदा कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “ऐसे मामलों की जांच करने की जिम्मेदारी हम पर आई है. भगवान की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने से किसको लाभ होगा? लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर गलत प्रचार करने से किसका फायदा होगा? किस लक्ष्य को रखकर ऐसे गलत काम किए जा रहे हैं? इस तरह की हरकतों को लोगों को हमेशा देखते रहना चाहिए.’ हालांकि मंदिरों पर हो रहे हमलों को कैसे रोकेंगे, इस पर मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं कहा. बल्कि घटना को मीडिया में दिखाया जाना झूठा प्रचार करार दिया और उसे येलो जर्नलिज्म बता दिया.