शिवसेना सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक घोटाला मामले के संबंध में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने से मना कर दिया है। उन्होंने एजेंसी से पांच जनवरी तक का समय मांगा है। एजेंसी ने तीसरी बार समन देकर उन्हें आज पेश होने के लिए कहा था। इससे पहले दो बार उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए एजेंसी के सामने पेश होने से मना कर दिया था।
पिछले साल सितंबर में आरबीआई ने निकासी सीमा को कम कर दिया था और 4,355 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के बाद पीएमसी बैंक की गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया था। ईडी ने बाद में मामले के संबंध में हाउसिंग डेवलेपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के स्वामित्व वाली 3,830 करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति को जब्त कर लिया था। इसी बीच राउत ने पत्नी को समन भेजे जाने को कायरता बताया है।
ईडी के समन पर राउत ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘हम कानून का पालन करने वाले हैं। ईडी पर केंद्र सरकार का दबाव है। हम इन चीजों से डरने वाले नहीं हैं। शिवसेना की तरफ से भी ऐसा ही जवाब मिलेगा। हमारे लिए ईडी जरूरी नहीं है। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। परिवार को निशाना बनाएंगे तो वैसा ही जवाब देंगे। भाजपा को पीएमसी और एचडीआईएल की जानकारी हमने दी थी। ईडी भाजपा का कार्यालय बन गया है। भाजपा के कई नेता वहां आते-जाते रहते हैं। कानून से बढ़कर कुछ नहीं है, न मैं और ना आप। किसी भी कीमत पर हम ये सरकार चलाएंगे। मुझे धमकाने की कोशिश की गई लेकिन मैं उनका बाप हूं।’
शिवसेना नेता ने कहा, ‘पिछले एक साल में शरद पवार, एकनाथ खड़से और प्रताप सरनाइक को नोटिस मिला और अब आप सभी मेरे नाम पर चर्चा कर रहे हैं। इन सभी लोगों ने महाराष्ट्र में सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये कागज के टुकड़े हैं और कुछ नहीं। घर की महिलाओं को निशाना बनाना कायरता का काम है। हम किसी से नहीं डरते हैं और इसी तरह से प्रतिक्रिया देंगे। ईडी को कुछ कागजात की जरूरत थी और हमने उन्हें समय पर जमा करवा दिया है।’